बाबा रामदेव समेत 5 लोगों पर FIR

जयपुर। कोरोना की दवा बनाने का दावा करना पतंजलि को काफी महंगा साबित होता दिखाई दे रहा है। अब राजस्थान में पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण, बाबा रामदेव समेत पांच लोगों के खिलाफ कोरोना संक्रमण ठीक करने की दवाई का दावा करने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर कोरोना वायरस की दवा के रूप में कोरोनिल टेबलेट के भ्रामक प्रचार करने के आरोप में दर्ज कराई गई है।
एडवोकेट बलवीर जाखड़ ने जयपुर के ज्योतिनगर थाने में यह एफआईआर दर्ज कराई। इसमें बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, वैज्ञानिक अनुराग वाष्र्णेय, निम्स के अध्यक्ष डॉ. बलवीर सिंह तोमर और निदेशक डॉ. अनुराग तोमर को आरोपी बनाया गया है। इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और ड्रग्स एंड मैजिक रेमिडीज अधिनियम 1954 संबंधी धाराओं में मामला दर्ज कराया गया है। बलवीर जाखड़ ने कहा कि बाबा रामदेव ने कोरोनिल दवा बनाने का झूठा दावा कर आम लोगों की जिंदगी को खतरे में डाला है। उन्होंने न तो राजस्थान सरकार और न ही केंद्र सरकार को कोरोनिल के क्लिनिकल ट्रायल के बारे में बताया था। पतंजलि ने निम्स जयपुर में कोरोनिल दवा के परीक्षण का दावा किया था। निम्स के अध्यक्ष और चांसलर डॉ. बीएस तोमर ने कहा था कि हमारे पास मरीजों पर परीक्षण करने के लिए सभी आवश्यक अनुमति थी। 100 मरीजों पर इस दवा का ट्रायल किया गया था, जिनमें से 69 प्रतिशत को 3 दिनों में ठीक हो गए थे। 7 दिन में पूरे 100 प्रतिशत मरीज ठीक हुए थे। पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोनिल टैबलेट और स्वासारि वटी को लॉन्च किया था और दावा किया था कि ये दवाइयां सात दिनों में कोरोना वायरस को दूर भगा सकता हैं। इसके बाद आयुष मंत्रालय ने इस बारे में अनभिज्ञता जताई थी।

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