इंटरनेशनल फार्मा हब बनेगा हरियाणा का ये शहर

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करनाल (हरियाणा)। कोरोना महामारी से निजात पाने में जुटी सरकार के प्रयासों से अब हरियाणा के करनाल शहर को इंटरनेशनल फार्मा हब बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। विदेशी निवेशकों को भी यहां आमंत्रित किया जाएगा। इससे मरीजों के साथ दवा निर्माण उद्योग की सेहत सुधारने में कारगर मदद मिलेगी। कान्फिडिरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री ने इस बारे में जल्द ऑनलाइन इंटरनेशनल इनवेस्टर मीट आयोजित कराने का प्रस्ताव दिया है। इससे 200 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों तक बात पहुंचाई जाएगी। बताया गया है कि इस कवायद के बाद देश के कुल दवा कारोबार की करीब 50 प्रतिशत हिस्सेदारी हरियाणा के हिससे रहेगी। सीआईआई के को-चेयरमैन और राज्य के प्रमुख दवा निर्माता बीआर सीकरी के अनुसार हरियाणा के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए करनाल में 225 एकड़ भूमि पर मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने की योजना है तो यहां से महज 25 किलोमीटर दूर पानीपत में 1000 एकड़ भूमि पर बल्क ड्रग्स पार्क विकसित करना प्रस्तावित है। हाल में आत्मनिर्भर भारत-मेड इन इंडिया-मेड फॉर वल्र्ड की दिशा में एक कदम-सीआइआइ फार्मास्कोप वेबिनार में परियोजनाओं पर चर्चा हुई, जिसमें 15 शीर्ष कंपनियों के करीब 325 प्रतिनिधियों ने देश को वैश्विक फार्मास्युटिकल्स लीडर बनाने पर मंथन किया। सीकरी ने बताया कि परियोजनाओं को लेकर निवेशकों में खासा उत्साह है क्योंकि हरियाणा में औद्योगिक प्रोत्साहन पर फोकस है। इज ऑफ डूूइंग में हरियाणा देश में तीसरे और उत्तर भारत में पहले स्थान पर है। इन्फ्रास्ट्रक्चर में चौथा स्थान है तो केपिटा इनकम में राज्य अग्रणी है। नियामक संस्थाएं यूजर फ्रेंडली हैं। हालांकि, देखना होगा कि हरियाणा निवेशकों को जमीन, बिजली, पानी में क्या रेट ऑफर करेगा। हरियाणा बिजली उत्पादन में सरप्लस है लेकिन, यहां थर्मल प्लांट से उत्पादन के चलते बिजली दरें थोड़ी महंगी हैं जबकि, हिमाचल पर्याप्त हाइड्रो पॉवर के कारण कम रेट पर बिजली दे रहा है। सीकरी ने बताया कि, चीन से कारोबार समेट रहे निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उन्होंने जल्द ऑनलाइन इंटरनेशनल इनवेस्टर मीट कराने का प्रस्ताव दिया है। बल्क ड्रग्स के निर्यात में इन देशों से बेहतर रिस्पांस मिलेगा। सरकार केमिकल दवाओं के निर्माण पर दस प्रतिशत इंसेटिव दे रही है। हरियाणा के हिस्से में ये प्रोजेक्ट आने पर देश के कुल दवा कारोबार की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी राज्य में होगी।

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