सरकार की नीति से वेंटिलेटर्स निर्माताओं का धंधा चौपट

नई दिल्ली। वेंटिलेटर्स निर्माताओं ने सरकार से वेंटिलेटर्स निर्यात पर पाबंदी हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि वेंटिलेटर्स के स्टॉक की भरमार होने और सरकार द्वारा इनकी खरीद न किए जाने से उन्हें नुकसान का भय सता रहा है। अत: सरकार समय रहते उनकी समस्या का समाधान करे। वेंटिलेटर्स निर्माताओं के अनुसार एक महीने से भी ज्यादा समय से वेंटिलेटर्स की सरकारी खरीद बंद है। इनकी मांग न होना और वेंटिलेटर्स स्टॉक की भरमार होना उद्योग को भारी चोट पहुंचा सकता है। ऐसे में एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री ने वेंटिलेटर्स के निर्यात से पाबंदी हटाने की मांग की है। एसोसिएशन ने लिखा है कि केंद्र और राज्यों की ओर से ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं। निर्माताओं के पास अनबिका स्टॉक पड़ा है। मांग न होने की वजह से कीमतें गिर रही हैं, इसलिए उन्हें वेंटिलेटर्स के निर्यात की इजाजत दी जानी चाहिए।
बता दें कि भारत सरकार ने 18 मार्च को ही कोविड महामारी के ज्यादा फैलने के डर से वेंटिलेटर्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो अब भी लागू है। एसोसिएशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को लिखे पत्र में अगस्त 2020 से वेंटिलेटर निर्यात की इजाज़त देने की मांग की है क्योंकि निर्माताओं के पास वेंटिलेटर्स निर्माण की अत्याधिक क्षमता का कोई इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।उनका कहना है कि अगले चार हफ्तों में और अधिक निर्माताओं की ओर से उत्पादन शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे वेंटिलेटर्स की भरमार हो सकती है। इससे जो उद्योग अपनी शुरुआती अवस्था में ही हैं, वो भारी नुकसान और गैर निष्पादित परिसंपत्तियों को लेकर चिंतित हैं। इसके चलते हम आपसे निवेदन करते हैं कि वेंटिलेटर्स के निर्यात को खोलने के लिए आवश्यक चिकित्सा उपकरण की विशेष अधिकार प्राप्त कमेटी के चेयरमैन और सचिव, फार्मास्युटिकल्स विभाग वाणिज्य मंत्रालय के साथ हस्तक्षेप करें। वेंटिलेटर्स निर्माता पिछले एक महीने से उत्पादन रोक रहे हैं या धीमा कर रहे हैं। अनसोल्ड इन्वेंट्री और गिरती मांग इसकी बड़ी वजह है। पब्लिक हेल्थकेयर, स्वास्थ्य मंत्रालय और HLL अब आगे ऑर्डर नहीं दे रहे हैं।

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