ऑक्सीजन का स्टॉक खत्म,औषधि नियंत्रण विभाग की बढ़ी मुश्किलें

 

तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीजों के बीच एक और संकट खड़ा हो गया है। दरअसल ऑक्सीजन की मांग-आपूर्ति में अंतर आया तो प्लांट मालिकों ने ऑक्सीजन के दाम बढ़ा दिए। कोविड से पहले 95 रूपए में 7 क्यूबिक लीटर का ऑक्सीजन सिलेंडर मिल जाता था। अब वही सिलेंडर 300 रुपए में मिल रहा है। राजस्थान में गुजरात, मध्यप्रदेश से ऑक्सीजन की सप्लाई होती थी। लेकिन अब इन्होंने ऑक्सीजन की सप्लाई कम कर दी। इसलिए प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत हो गई।
तो वही सीकर जिले में ऑक्सीजन का स्टॉक ख़त्म हो चुका है। जिले में एकाएक ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ जाने के कारण औषधि नियंत्रण विभाग की मुश्किलें बढ़ी हुई है। हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्मों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। देर रात तक औषधि नियंत्रण अधिकारी ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए जयपुर के ऑक्सीजन प्लांटों में संपर्क करने में जुटे रहे। इसलिए गंभीर कोरोना पॉजिटिव मरीजो के इलाज में बाधा पहुंच सकती है। दरअसल औषधि नियंत्रण अधिकारी -मनोज गढ़वाल ने बताया की आज ऑक्सीजन सिलेंडरों का स्टॉक ख़त्म हो गया है, जयपुर गाड़ी भेजी थी। लेकिन मना कर दिया है। मैंने औषधि नियंत्रण अधिकारी को बोला है। ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिले तो कोविड हॉस्पिटलों में सप्लाई गड़बड़ा जाएगी। जिसको लेकर ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म का फोन आया था। सिलेंडर न होने की जानकारी दी थी।
जयपुर में प्लांट पर बात कर ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का निवेदन किया है। हम प्रयास कर रहे हैं कि ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित हो। बतादे कि जिले में फ़िलहाल 838 कोरोना के एक्टिव मरीज हैं। हालात बिगड़े पर उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। चाैंकाने वाली बात यह है कि पहले जहां प्रति मरीज को 3 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन दी जा रही थी। कोविड-19 के मरीजों को 6 से 8 क्यूबिक लीटर ऑक्सीजन चढ़ानी पड़ रही है। ऐसे में सिलेंडर भी जल्दी खत्म हो रहे हैं। मरीज भी लगातार बढ़ गए तो डिमांड भी बढ़ती चली गई। फिलहाल हर दिन 350 क्यूबिक लीटर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। लगातार मांग बढ़ने के कारण ऑक्सीजन का स्टॉक खत्म हो गया।

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