आयुर्वेदिक दवाओं और विटामिन की बढ़ी 50 फीसदी बिक्री

उरई। कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए कोरोना काल में लोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए खासा चिंतित हैं। जिले में विटामिन की गोलियां और आयुर्वेदिक काढ़ा, गिलोय, शहद आदि की बिक्री पचास फीसदी तक बढ़ गई है। वहीं गले में खांसी, गले में खराश और बुखार की दवा लेने के साथ लोग विटामिन की गोलियां भी मांग रहे हैं। दरअसल बाजार में आयुर्वेद की कई कंपनियों ने सप्लाई शुरू कर दी है। इस समय लोग आयुर्वेद की मांग बढ़ गई है। लोग विटामिन और काढ़ा मांग रहे हैं। वहीं विटामिन की गोलियों में दस फीसदी दाम बढ़ गए हैं। बाजार में इस समय गिलोय, शहद, घनवटी, हनी काढ़ा को पूरा पैकेज दे रही हैं। इसको लेकर कंपनियां अपने रिप्रेजेंटेटिव को बाजार में लोगों को समझाने के लिए भेज रही हैं। आयुर्वेद बाजार में तुलसी ड्राप, काढ़ा, एलोवीरा, गिलोय बटी, हल्दी ड्राप, अश्वगंधा कैप्सूल आदि बाजार में अलग-अलग कंपनियों की दवाएं उपलब्ध हैं। कोरोना काल में ही लगभग 32 प्रकार नई कंपनियां आयुर्वेद की दवाओं की सप्लाई शुरू कर दी है। बाजार में इन दवाओं की सप्लाई को लेकर कई कंपनियां मार्केट में उतर आई है, जो कई तरह के प्रोडक्ट की सप्लाई कर रही हैं। डॉ. अरविद श्रीवास्तव का कहना है कि बिना डॉक्टर की सलाह के दवा का सेवन करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। जरा सी सर्दी, खांसी, बुखार होने पर लोग पैरासिटामॉल, कालपाल, एजिथ्रोमाइसिन, सिट्रीजन ले रहे हैं। इसके साथ ही शरीर में कैल्शियम और आयरन की मात्रा बनी रहे इसके लिए विटामिन-सी, विटामिन-12 और जिंक की दवा लेने मेडिकल स्टोर पहुंच रहे हैं। वहीं विटामिन की गोलियों के दाम में कुछ कंपनियों ने दस फीसदी तक दाम बढ़ा दिए हैं।

 

 

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