आयुष्मान भारत योजना के नाम पर जांच और दवा की वसूली करने वाले निजी अस्पताल फंसे

बरेली। आयुष्मान भारत योजना में निजी अस्पताल मरीजों को गुमराह कर रहे हैं। मरीज को इस योजना के अंतर्गत भर्ती करने के बाद जांच और दवा के नाम वसूली की जा रही है। बरेली के तीन निजी अस्पतालों में गड़बड़ियां मिलने के बाद एडीएम प्रशासन वीके सिंह ने जांच बैठा दी है। कलक्ट्रेट में गुरुवार को जिला शिकायत निवारण समिति की बैठक एडीएम प्रशासन वीके सिंह ने ली। इसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।समीक्षा के दौरान गंगाशील अस्पताल, साईं सुखदा अस्पताल और साईं अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत इलाज कराने पहुंचे मरीजों की शिकायतों की जांच रिपोर्ट परखी गई। सामने आया कि गंगाशील अस्पताल में रंजीत के पिता जागन लाल को भर्ती कराया गया था। आयुष्मान कार्ड दिखाने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने नगद भुगतान पर उनका इलाज किया था।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पुष्टि करने के बाद एडीएम प्रशासन ने मरीज द्वारा भुगतान पूरी धनराशि वापस कराने के निर्देश दिए।इसी कड़ी में साईं सुखदा अस्पताल में नमतेश मिश्रा का इलाज आयुष्मान योजना के तहत हुआ। लेकिन दवाई एवं जांचों के लिए उनसे अलग से भुगतान लिया गया। कुछ ऐसा ही मामला साईं अस्पताल का भी सामने आया। यहां सहाना बी को भर्ती किए जाने के बाद जांच और दवा के नाम पर भुगतान कराए गए। इन दोनों मरीजों की पूरी धनराशि वापस कराने के निर्देश जारी किए गए। साईं अस्पताल और साईं सुखदा अस्पताल की बार-बार शिकायत मिलने पर एडीएम प्रशासन ने नाराजगी जाहिर की। दोनों अस्पतालों के खिलाफ जांच के निर्देश जारी किए हैं।

जांच पूरी होने तक दोनों अस्पतालों का भुगतान रोकने की संस्तुति की गई है। बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कुमार, डॉ. अनुराग अग्रवाल, अमीर बेग एवं हेल्थ इंडिया टीपीए के सदस्य मौजूद रहे। मालिक साई अस्पताल के ऑनर डॉ. शरद अग्रवाल ने कहा कि मुझे बताया गया था कि कलक्ट्रेट में एक बैठक है। जिसमें कुछ शिकायतों पर चर्चा होनी है। लेकिन बैठक में क्या निर्देश हुए। इस बारे में जानकारी नहीं है। गंगाशील अस्पताल के डॉ. निशांत गुप्ता ने कहा कि मरीज ने आयुष्मान कार्ड दिखाया ही नहीं था। इसलिए भुगतान लिया। मुझे कलक्ट्रेट में हुई बैठक के बारे में कुछ जानकारी नहीं है।

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