बेनीपट्टी में नहीं है जेनेरिक दवा की दुकान, लोगो को हो रही परेशानी

मधुबनी। बेनीपट्टी में नहीं है जेनेरिक दवा की एक भी दुकानें। दरअसल सरकार ने प्रत्येक पीएचसी में एक जेनेरिक दवा की दुकान खोलने की घोषण कर रखी थी ताकि मरीजों को कम कीमत पर उच्च गुणवत्तापूर्ण दवा उपलब्ध हो सके। पर इसके लाभ से बेनीपट्टी के लोग वंचित हैं। तो वहीं मधुबनी कैमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एशोसिएसन के सदस्यों का कहना है कि बेनीपट्टी में लगभग 50 थोक एवं ढाई सौ के करीब खुदरा दवा बेचता हैं। सभी के पास जेनेरिक दवा रहती है। पर इसका फायदा ग्राहकों को नहीं मिल पाता है। इस तरह का आलम करीब करीब हर प्रखंडों में बना है। कई प्रखंडों जेनरिक दवाओं के लिए संसाधन बनाए गये पर सुविधाएं चालू नहीं हुई। इधर, पीएचसी प्रभारी डॉ. शंभुनाथ झा ने बताया कि सरकारी की योजना प्रत्येक पीएचसी में जेनेरिक दवा की काउंटर खोलने की योजना थी। पर अब तक यहां काउंटर नहीं खुला है। गौरतलब है कि बाजार में रहे थोक एवं खुदरा विक्रेताओं के पास जेनेरिक दवा में अच्छी मुनाफा रहने के बावजूद बिक्री नहीं होने से वे दवा रखने से कतराते हैं। दुकानदारों का कहना है कि जब डॉक्टर जेनेरिक दवा लिखेगा ही नहीं तो बिक्री कहां से होगी। मरीजों को जेनेरिक दवा की बजाय इफिकल दवाएं लिखी जाती है क्योंकि जेनेरिक में उन्हें प्रोमोट करने का लाभ नहीं मिल पाता है। इस व्यवसाय से जुड़े लोग गलत प्रचार भी करते हैं कि जेनेरिक दवा गुणवत्तापूर्ण नहीं होती है। जबकि जेनेरिक दवा गुणवत्तापूर्ण होने के साथ-साथ सस्ती भी होती है।

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