नकली कॉस्मेटिक बनाने के आरोपित पर एनएसए की कार्रवाई

 

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने एक अहम आदेश में कहा कि जिला दंडाधिकारी ने उपलब्ध तथ्यों और सुबूतों के आधार पर ही नकली कॉस्मेटिक बनाने के आरोपित के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की। दरअसल गोहलपुर थाना पुलिस को मिली सूचना के आधार पर पुलिस आंबेडकर नगर में प्रमोद अग्रवाल के मकान पर छापा मारा। वहां पर तीन अलग अलग कमरों में बड़ी संख्या में एक्सपायरी डेट के कॉस्मेटिक की बोतलें व डिब्बे पाए गए। यहां ब्रांडेड कम्पनियों के लेबल और बोतल, डिब्बे भी मिले।

जांच में खुलासा हुआ कि जबलपुर के घमापुर थानांतर्गत द्वारका नगर, लालमाटी निवासी प्रकाश उर्फ मंजू चांदवानी ने यह मकान किराए पर लेकर गोदाम बनाया था। वही अपने साथियों कमल सिंधी, विकी चांदवानी व लखन सिंधी की मदद से नकली कॉस्मेटिक बना कर बाजार में आपूर्ति कर रहा था। ऑटो चालक अनिल लेखवानी व अनिल खत्री को भी मामले में संलिप्त पाया गया। माढ़ोताल थाने में भी इसी से जुड़ा प्रकरण दर्ज किया गया। हालांकि गोहलपुर पुलिस ने करीब 42 लाख 10 हजार रुपये का नकली माल जब्त किया।

चार अगस्त, 2020 को मुख्य आरोपित प्रकाश उर्फ मंजू चांदवानी को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। एसपी की अनुशंसा के आधार पर 14 अगस्त, 2020 को जिला दंडाधिकारी ने आरोपित प्रकाश उर्फ मंजू के खिलाफ एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत कार्रवाई के आदेश दे दिए। इसी आदेश को आरोपित प्रकाश उर्फ मंजू की ओर से याचिका के जरिए चुनौती दी गई। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने डीएम के आदेश को वैधानिक बताते हुए याचिका खारिज कर दी।

याचिकाकर्ता का पक्ष अधिवक्ता सिद्धार्थ दत्त व राज्य सरकार का पक्ष उप महाधिवक्ता आशीष आनन्द बर्नार्ड ने रखा। गौरतलब है कि कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने कहा कि जिला दंडाधिकारी ने इस बात से संतुष्ट होकर ही कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कार्रवाई की। दरअसल, इस तरह के आरोपित को निरूद्ध नहीं किया गया तो वह समाज में बेधड़क समाज विरोधी गतिविधियों को अंजाम देता रहेगा। इस मत के साथ कोर्ट ने आरोपित की याचिका खारिज कर दी।

 

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