नकली प्लाज्मा बेचने वाले पर रासुका, प्लाज्मा चढ़ाने वालों से नहीं हुई पूछताछ

ग्वालियर। प्लाज्मा कांड में पुलिस ने आधी अधूरी कार्रवाई करके चार्जशीट फाइल करने की तैयारी कर ली है। सरगना अजय त्यागी को गिरफ्तार किया जा चुका है परंतु रैकेट में शामिल करीब एक दर्जन डॉक्टरों से पूछताछ तक नहीं की गई है। काले धन का पता लगाना आयकर विभाग का काम है, परंतु प्लाज्मा कांड में पुलिस मामले की इन्वेस्टिगेशन और रैकेट का खुलासा करने के बजाएं लगातार अजय त्यागी की संपत्ति की लिस्ट बना रही है। गौरतलब है कि इस मामले में पुलिस की जिम्मेदारी है कि पूरे रैकेट का खुलासा करें। सब जानते हैं कि अजय त्यागी अकेला नहीं है।

वह लोग जो प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती मरीजों को अजय त्यागी तक भेजते थे, उनके नाम उजागर होना जरूरी है। पुलिस को यह बताना चाहिए कि अजय त्यागी ने किस अस्पताल के मरीजों को सबसे ज्यादा नकली प्लाज्मा और नकली खून सप्लाई किया। डॉक्टर एक नोबेल प्रोफेशन है। डॉक्टर उच्च शिक्षित होता है और उसकी जिम्मेदारी है कि वह खून या प्लाज्मा चढ़ाने से पहले उसकी जांच करें। पुलिस उन डॉक्टरों को राउंडअप क्यों नहीं कर रही है जिन्होंने अजय त्यागी का दिया प्लाज्मा चढ़ाया। पुलिस यह क्यों नहीं कर रही है कि अजय त्यागी ने जिन मरीजों को नकली प्लाज्मा दिया था, वह जिंदा है या नहीं।

प्लाज्मा कांड के मुख्य आरोपित अजय त्यागी की पौने एक करोड़ की चल-अचल संपत्ति पड़ताल में सामने आई हैं। इस संपत्ति को राजसात व कुर्क करने की बजाय पुलिस संपत्ति की जांच के लिए आयकर विभाग को पत्र लिखेगी। पुलिस ने अजय त्यागी पर रासुका का वारंट जेल में जाकर तामील कराया है। पड़ाव थाना प्रभारी विवेक अष्ठाना ने बताया कि छह माह के लिए रासुक के तहत कलेक्टर कोर्ट से जारी वारंट को जेल में तामील करा दिया है। इसके अलावा मृत कारोबारी मनोज गुप्ता के बिसरा को भी जांच के लिए ड्राफ्ट तैयार कर क्षेत्रीय फोरेंसिक लैब भेजा जा रहा है।

दरअसल प्लाज्मा कांड के मास्टरमाइंड अजय त्यागी को पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद उसकी चल-अचल संपत्ति की जानकारी जुटाई। प्रारंभिक जांच में 20 लाख की दो एफडी व 40 लाख से अधिक की कीमत का प्लाट होने का पता चला। आरोपित की पांच लाख रुपये से अधिक की राशि उसके गांव में ब्याज में चलने की जानकारी मिली थी। एएसपी सतेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि आरोपित ने यह चल-अचल संपत्ति किन स्रोतों से अर्जित की है, इसका पता लगाने आयकर विभाग को पत्र लिखकर सूचना दी जाएगी। पुलिस को आशंका है कि आरोपित ने यह संपत्ति खून व प्लाज्मा की दलाली कर जुटाई है, क्योंकि आरोपित का स्थाई व्यवसाय होने का अब तक पता नहीं चला है।

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