जींद के शोध सागर संस्थान ने खास मॉडल किया तैयार ,अब 2-3 सेकेंड में ही पता चल जाएगा कोरोना है या नहीं

जींद। देश भर में कोरोना का कहर लगातार जारी है। साथ अब तो कोरोना का नया स्ट्रेन भी आ गया है जिसको लेकर लोग चिंतित है। गौरतलब है कि कोरोना की वैक्सीन भी आ गयी है। जिसका ड्राई रन भी चल रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना का सिर्फ अब 2 या 3 सैकेंड में ही पता चल जायेगा। बतादें कि अब 2 या 3 सैकेंड में ही पता चल जाएगा कि कोरोना वायरस है या नहीं। इसके लिए जींद के शोध सागर संस्थान ने खास मॉडल तैयार किया है।

दरअसल डॉ. दीवान शेर ने बताया कि लॉकडाइन में उनके मन में आया कि क्यों ने कोरोना जांच की खातिर कुछ किया जाए। शुरूआती दौरान में कोरोना टेस्ट की कीमत 4800 रुपये थी, ऐसे में जींद जैसे शहर में यह टेस्ट करवाना आम आदमी की पहुंच से काफी दूर थी। इसी के बाद उन्होंने इस पर काम करना शुरु किया। दरअसल सिविल अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला और 10-12 अन्य सहयोगियों के साथ उन्होंने कोरोना जांच की खातिर मॉडल बनाने की दिशा में काम शुरू किया।

मॉडल बनाने में मेडिकल और टेक्निकल फील्ड का विशेष सहयोग रहा। 10-12 लोगों ने मॉडल का डिजाइन बनाया। काम शुरू हुआ तो इस दिशा में रिजल्ट भी अच्छे आए। अब तक 100 लोगों की जांच की गई। जांच के बाद 90 से ऊपर लोगों का मॉडल ने सही डाटा दिया कि किन-किन लोगों को कोरोना हुआ है और किस-किस को नहीं। उन्होंने कहा कि मॉडल के जरिए व्यक्ति के तापमान, हार्ट बीट, उसकी सांस की गति, सांस की आवाज सहित कई पैरामीटर पर जांच की जाती है। इसके बाद यह मॉडल चंद मिनटों की जांच के बता देती है कि इस व्यक्ति को कोरोना है या नहीं।

इससे संक्रमण को फैलने से रोक लगाई जा सकती है। इस टीम में वो स्वयं, आयुष गोयल, आईआईटीएम ग्रुप मुरथल के कैंपस डायरेक्टर प्रविंद्र बांगर शामिल रहे। तो वहीं इस बारे नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट सिस्टम से यदि जांच होती है तो इसका सीधा लाभ आम लोगों को होगा। उन्हें तुरंत पता लग जाएगा कि उन्हें कोरोना है या नहीं। इस मशीन के आने के बाद अधिक मैन पावर की जरूरत भी नहीं होगी।

इस समय लोगों में भय है कि कोरोना जांच के लिए सैंपल नाक से लिया जाएगा और इतनी बड़ी स्टीक उनकी नाक में डाली जाएगी। यदि इस मशीन से जांच शुरू होती है तो लोगों का भय दूर हो जाएगा और इसके नतीजे भी जल्द सामने आएंगे। बतादें कि संस्थान के संचालक डॉ. दीवान शेर ने टेक्निकल और मेडिकल फील्ड की मदद से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट सिस्टम से 2-3 सेकेंड में कोरोना जांच करने का दावा किया है।

डा. दीवान शेर ने कहा कि मई महीने में उन्होंने कोरोना की जांच की खातिर मशीन पर शोध शुरू किया था। चार महीने की मेहनत के बाद आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट सिस्टम (मॉडल) तैयार किया है। इस मॉडल के तैयार होने के बाद किसी भी व्यक्ति की जांच कर यह पता किया जा सकता है कि उसे कोरोना है या नहीं है। यह विश्व में पहली बार है, जब इतनी जल्द कोरोना का पता लग सकता है।

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