अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में जल्द शुरू होगा त्वचा बैंक

aiims
aiims

नई दिल्ली। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के बर्न व प्लास्टिक सर्जरी सेंटर में चरणबद्ध तरीके से सुविधाएं बढ़ाई जाएगी। अभी ओपीडी शुरू होगी। इसके करीब एक सप्ताह में मरीजों को भर्ती करने की सुविधा शुरू हो जाएगी। इसके बाद 24 घंटे की इमरजेंसी सुविधा शुरू की जाएगी। दरअसल आइआइटी दिल्ली के साथ मिलकर कृत्रिम त्वचा विकसित किया जा रहा है। जल्द ही उसका इंसानों पर ट्रायल शुरू होगा। इमरजेंसी में छह बेड इमरजेंसी वार्ड में छह बेड की व्यवस्था है। आपात स्थिति में इसमें 20 बेड बढ़ाए जा सकते हैं।

इमरजेंसी में हर साल करीब 15 हजार मरीजों का इलाज किया जा सकेगा। बर्न सेंटर में हर साल करीब 55 हजार मरीजों का इलाज हो सकेगा। गौरतलब है कि आग में झुलसने के दौरान शरीर में सांस के जरिये कार्बन मोना डाइऑक्साइड जाने की स्थिति में इस थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। तो वहीं बर्न व प्लास्टिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष सिंघल ने कहा कि सेंटर त्वचा दान व हाथ प्रत्यारोपण जैसी सुविधाओं पर अधिक जोर देगा। सेंटर में जल्द त्वचा बैंक शुरू होगा। जिसमें माइनस चार डिग्री तापमान पर त्वचा को सुरक्षित रखा जा सकेगा।

जिसका इस्तेमाल पांच साल तक किया जा सकता है। सफदरजंग अस्पताल में त्वचा बैंक है, लेकिन अभी तक गिने-चुने ही त्वचा दान हुआ है। डॉ. मनीष सिंघल ने कहा कि मौत के छह घंटे के अंदर त्वचा दान की जा सकती है। 40 फीसद से अधिक झुलस चुके लोगों के इलाज में अस्थायी त्वचा लगाने में जरूरत पड़ती है, ताकि जख्म जल्दी भर सके। हर तीन सप्ताह पर त्वचा बदलनी पड़ती है, इसलिए त्वचा दान बढ़ाना जरूरी है।

 

 

Advertisement