लिंग जांच का भंडाफोड़, 80 हजार में करते थे सौदा

चरखी दादरी। लिंग जांच का अवैध कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। बता दें कि हर जगह लिंग जांच का गिरोह सक्रिय हो चुके है। दरअसल स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की टीम ने भ्रूण लिंग जांच गिरोह का फंडाफोड़ किया है। गिरोह मास्टर मांइड एक सदस्य को भी काबू किया गया। पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग की शिकायत पर केस दर्ज जांच शुरू कर दी है। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों को काबू करने के लिए दबिश दे रही है। स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली थी कि बलाली निवासी महेश कुमार भ्रूण लिंग जांच गिरोह से जुड़ा हुआ है। जो दूसरे जिले के निजी अस्पताल में लिंग जांच करवाता है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रशासन की देखरेख में गिरोह तक पहुंचने की प्लानिंग तैयार की। जिसका जिम्मा डिप्टी सिविल सर्जन नरेंद्र व ड्रग्स इंस्पेक्टर डा. हेमंत ग्रोवर को दिया गया। टीम ने एक महिला व व्यक्ति को प्लानिंग में शामिल किया। महिला को डिकाय पेसेंट बनाया गया।

तमाम प्लानिंग के मुताबिक डिकाय पसेंट महिला ने बलाली निवासी महेश से संपर्क किया। महिला से भ्रूण लिंग जांच के लिए 80 हजार रुपयों की डिमांड की गई। महिला ने इसके लिए गिरोह सदस्यों को 80 हजार दे दिए गए। इसके बाद महेश बलाली डिकाय पेसेंट को झज्जर निजी अस्पताल में ले गए। वहां निजी अस्पताल के चिकित्सक दीपक से बातचीत की गई। डाक्टर दीपक ने उनको भगत सिंह चौक के नजदीक निजी अस्पताल में भेज दिया। वहां डिकाय पेसेंट ने महिला चिकित्सक से मिली तथा डा. दीपक द्वारा भेजे जाने की बात कही। इस पर महिला चिकित्सक ने भ्रूण लिंग जांच करने से मना कर दिया, तब महेश ने गिरोह सदस्य रवि से संपर्क किया। रवि ने दोबारा डाक्टर दीपक से बात की तो उनको अन्य दूसरे अस्पताल में भेज दिया गया।

जहां महिला चिकित्सक ने डिकाय पेसेंट का अल्ट्रासाउंड किया और रिपोर्ट सहित डा. दीपक के पास भेज दिया। डा. दीपक ने रिपोर्ट चैक करने के बाद उनको वापिस चरखी दादरी भेज दिया और भ्रूण लिंग रिपोर्ट के लिए आरोपित रवि से संपर्क करने को कहा। इसी दौरान मौके पर ही दूसरी कार में मौजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दबिश दी और बलाली निवासी आरोपित महेश को काबू कर लिया गया। पुलिस ने डिप्टी सिविल डा. नरेंद्र की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि कृष्ण, महेश व रवि तीनों निजी अस्पातल में भ्रूण लिंग जांच करवाते थे। इसके लिए हजारों रुपये लेते हैं। झज्जर का निजी चिकित्सक एक गिरोह में मिला हुआ है।

 

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