जन औषधि केंद्र की लापरवाही: बच्चे को लगाया कुत्ते को देने वाला एंटी इंजेक्शन

 

जमुई। जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही बेलगाम है। स्वास्थ्य विभाग लोगों के स्वास्थ के साथ जानलेवा खिलवाड़ कर रही है। सदर प्रखंड क्षेत्र के पद्मावत गांव निवासी नकुल राम अपने बेटे विशाल कुमार (8 वर्ष) को कुत्ते के काटने पर इंजेक्शन दिलवाने के लिए सदर अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन इंजेक्शन नहीं रहने के कारण अस्पताल परिसर में स्थित जन औषधि केंद्र में जब नकुल राम पहुंचे तो वहां पर मौजूद कर्मी से रेबीज इंजेक्शन की जानकारी ली। उसके द्वारा बताया गया कि 160 रुपये में रेबीज का इंजेक्शन उपलब्ध है।

वहीं सभी बातों से अनजान नकुल ने बेटे को इंजेक्शन दिलवा दिया। जैसे ही वह इंजेक्शन दिलाकर बच्चे को अपने घर ले जाने लगा तभी उसके एक जानकार ने उन्हें बताया कि यह इंजेक्शन कुत्ते को देने के लिए बनाया गया है न की आदमी के लिए। वहीं इस बात की जानकारी के बाद बच्चे के परिजन के होश उड़ गए। आनन-फानन में सदर अस्पताल पहुंचकर भारतीय जन औषधि केंद्र में जमकर हंगामा किया। जबकि बच्चे को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने पुष्टि करते हुए कहा कि कुत्ते को देने वाला इंजेक्शन बच्चे को दिया गया है। दरअसल इस मामले को लेकर बच्चे के परिजनों ने एसडीओ से भी गुहार लगाई है।

बता दें कि घटना के बाद बच्चे के परिजन एसडीओ कार्यालय पहुंचे और एसडीओ प्रतिभा रानी से मिलकर आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। परिजनों ने कहा कि आरोपी केंद्र संचालक पर कानूनी कार्रवाई की जाए क्योंकि जन औषधि केंद्र में इंसानों की सूई के जगह कुत्ते को देने वाली सूई रखकर वह मनुष्य की जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ जमुई के सिविल सर्जन -डॉ. विनय कुमार शर्मा ने कहा है कि बच्चे को कुत्ते को देने वाला इंजेक्शन दे देने का मामला संज्ञान में आया है।

औषधि निरीक्षक को जांच की जिम्मेवारी दी गई है। जन औषधि केंद्र में यह सूई कहां से आई यह भी जांच का विषय है। जांच कर दोषी पाये जाने पर कार्रवाई की जाएगी। डाक्टरों ने बताया कि यह दवा अमूमन पशुओं के मेडिकल स्टोर में उपलब्ध रहता है। वैसे स्टॉकिस्ट के पास हो भी तो यह जन औषधि केन्द्र में पशु की दवा रखना भी गलत है।

 

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