12वीं पास कर रही थी अल्ट्रासाउंड, तो क्या हो गया पढ़िए खबर

रोहतक। स्वास्थ्य विभाग रोहतक व सोनीपत की टीम ने दिल्ली के बकरवाला गांव में 12वीं पास महिला को अवैध पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन पर भ्रूण लिंग जांच करते हुए काबू किया है। टीम ने महिला के घर पर मिली जांच मशीन को सील कर जांच के नाम पर लिए गए 35 हजार रुपये भी बरामद कर लिए हैं। टीम ने महिला के खिलाफ मुंडका थाने में पीएनडीटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करवा दिया है।

स्वास्थ्य विभाग रोहतक के पीएनडीटी एक्ट के जिला नोडल अधिकारी डॉ. विकास सैनी ने बताया कि रोहतक सिविल सर्जन डॉ. अनिल बिरला को सूचना मिली थी कि दिल्ली के बकरवाला में एक महिला भ्रूण लिंग जांच करती है। इसके लिए विभाग ने एक गर्भवती महिला को जांच के लिए तैयार किया और दिल्ली से संपर्क किया। लिंग जांच करवाने का सौदा 40 हजार रुपये में तय हुआ और विभाग ने महिला को दिल्ली के बताए गए पते के अनुसार 22 फरवरी को शाम सात बजे मुंडका मेट्रो स्टेेशन भेज दिया। यहां पर अल्ट्रासाउंड जांच 35 हजार रुपये में कराने पर सहमति बनी और रुपये दे दिए।

इसके बाद गर्भवती महिला को बकरवाला के गांव में एक घर में ले गए। यहां एक घर में महिला की पोर्टेबल मशीन पर जांच की और गर्भ में लड़की बताया। भ्रूण लिंग जांच होने का जैसे ही टीम को सिग्नल मिला छापेमारी कर दी गई। मौके पर 35 हजार रुपये, अवैध पोर्टेबल मशीन बरामद कर ली गई। भ्रूण लिंग जांच करने वाली महिला ने अपना नाम सुमित्रा बताया है जोकि अपने मायके में रहती है। जिस घर में लिंग जांच हो रही थी वहां से चार-पांच घर आपस में मिले हुए थे। यही वजह थी कि हर बार महिला के लिंगजांच का भंडाफोड़ करने का प्रयास फेल होता था। क्योंकि जैसे ही रेड की सूचना मिलती थी, जांच करवाने वाली महिला को दूसरे घर से निकाल दिया जाता था। लेकिन टीम इस बार अलर्ट थी और पूरा घेराबंदी का रेड की थी।

इस दौरान टीम में रोहतक से डॉ. विकास सैनी, डॉ. विकास दांगी, डॉ. विशाल चौधरी, डॉ. देवेंद्र, डॉ. विजय, नीरज, जोगेंद्र व हरियाणा पुलिस की पूरी टीम व सोनीपत से डॉ. आरएस शर्मा, डॉ. सुभाष गहलावत, डॉ. अनिता और दिल्ली से जिला पश्चिम की जिला मजिस्ट्रेट नेहा बंसल, एसडीएम निशांत शामिल रहे।

डॉ. विकास सैनी ने बताया कि आरोपी महिला पर तीन मामले पहले से ही दर्ज हैं। इसमें पहला मामला 2017 दिसंबर में रोहतक की टीम ने ही कराया था। इसके अलावा एक मुकदमा गुरुग्राम की टीम ने व एक अन्य ने कराया है। टीम में शामिल डॉ. विकास सैनी ने बताया कि आरोपी महिला का घर गांव के बीच में है। जब रेड की गई तो बाहर भीड़ जमा हो गई। मौके पर हाथापाई हुई और पत्थरबाजी हुई। लेकिन पुलिस टीम ने सभी को सुरक्षित निकाल लिया। प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि महिला ने अल्ट्रासाउंड जांच करने से पहले न तो कोई फार्म भरवाया और न ही कोई सहमति पत्र लिया। यहां तक जांच करवाने वाली महिला का कोई पहचान पत्र तक नहीं देखा गया। अनुमान है कि महिला इसी जांच के दम पर प्रतिदिन का तीन लाख रुपये तक कमाती है।

 

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