रोहतक पीजीआई में शुरू हुए दो नए विभाग, बाल रोग और हार्ट पेशेंट को मिलेगा फायदा

रोहतक। काफी समय से रुके हुए पीजीआईएमएस के दो अहम विभागों को हरी झंडी मिल गई है। एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने पीडियाट्रिक पल्मोनोलॉजी व कार्डिक एनेस्थीसिया जैसे दो अहम नए विभाग शुरू करने की सहमति दे दी है। इन विभागों के शुरू होने से प्रदेश भर के सांस से संबंधित बाल रोगियों व दिल के रोगियों को लाभ मिलेगा। वर्तमान में ये विभाग बाल रोग व एनेस्थीसिया विभाग में काम कर रहे हैं।

दोनों विभाग के अलग बनने पर यहां मरीजों को एक्सपर्ट से उपचार मिल सकेगा और यहां डीएम जैसे कोर्स शुरू होने से डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी। सुबह 11 बजे शुरू हुई एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक दोपहर तक जारी रही। इसमें 26 रेगुलर एजेंडा रखे गए तो एक टेबल एजेंडा मंथन के लिए रखा गया। बैठक में डॉ. आरसी सिवाच को प्रशासनिक शक्तियों के साथ ऑर्थो विभागाध्यक्ष पद वापस सौंपने को हरी झंडी दे दी है।

डॉ. सिवाच पर लगे आरोपों की जांच कर रहे सेवानिवृत्त जज एवं जांच अधिकारी आरपी भसीन ने पिछले दिनों उनको चार्ज फ्री कर दिया था। वहीं डॉ. गीता गठवाला को प्रशासनिक शक्तियों के साथ बाल रोग विभागाध्यक्ष के लिए भी हरी झंडी दी गई है, उनके लिए गवर्नर की ओर से निर्देश जारी थे। वरिष्ठ सर्जन डॉ. आरके कडवासरा व सीनियर प्रोफेसर डॉ. बिजेंद्र ढिल्लो को ड्यूटी पर आने के लिए हरी झंडी दी गई है। ये दोनों डॉक्टर अपना कार्य कर सकेंगे, हालांकि अभी इन्हें प्रशासनिक अधिकार नहीं दिए गए है।]

बैठक में बाल रोग विभाग के डॉ. कपिल भल्ला व एक अन्य महिला डॉक्टर का मामला रखा गया और दोनों को बहाल करने पर मुहर लगी है। दोनों पर आरोप था कि उन्होंने डॉक्टर को जानबूझ कर परीक्षा में फेल किया है। हालांकि जांच में दोनों पर आरोप सिद्ध नहीं हुए थे। सुरक्षा अधिकारी संजय सांगवान व बादाम सिंह को अपना पक्ष रखने के लिए ईसी ने एक और मौका दिया है, दोनों निलंबित चल रहे हैं।

वहीं न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. किरणबाला को सेवानिवृत्ति के बाद एक्सटेंशन देने पर मुहर लगी है। इसके अलावा नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जाम के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. विपिन बतरा को संस्थान की ओर से दिए गए डॉक्टेरट इन साइंस अवॉर्ड वापस लेने पर अभी सहमति नहीं बनी है। काउंसिल ने माना है कि अभी डॉ. बतरा का मामला विचाराधीन है। जब तक कोई अंतिम फैसला नहीं आता वह मामले को पेंडिंग रखते हैं। बैठक में संस्थान के कुलगीत को भी अप्रूवल दी गई है।

एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने एमडीयू के कुलपति प्रोफेसर राजबीर व गुुरु जंभेश्वर विवि के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर को हेल्थ विवि के कुलपति पद के लिए सर्च कमेटी का सदस्य बनाए जाने पर मुहर लगाई है। गौरतलब है कि वर्तमान कुलपति डॉ. ओपी कालरा का कार्यकाल मई में समाप्त होने जा रहा है और सरकार नए कुलपति का विकल्प तलाश रही है।

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