नशा मुक्ति केंद्र में दवा नहीं मिलने पर मंत्री के सामने हुआ हंगामा

बटाला। सरकारी अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र पर शुक्रवार को नशा छुड़ाने के लिए पहुंचे लोगों ने सेहत विभाग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने नशा मुक्ति केंद्र से जुड़े अधिकारियों पर अपने चहेतों को पहल के आधार पर दवाई बांटने का आरोप लगाया। यह हंगामा उस समय हुआ, जब कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिदर सिंह बाजवा कोविड-19 से संबंधित हालात का जायजा लेने के लिए सिविल अस्पताल पहुंचे थे। इस संदर्भ में एसएमओ डा. संजीव भल्ला ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र पर दवाई बांटने की यह प्रक्रिया आनलाइन से जुड़ी हुई है। कई बार तकनीकी खराबी के कारण ऐसी प्राब्लम आ जाती है।

श्रमिकों द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। फिर भी वे जांच करेंगे। एसएमओ नई बताया कि श्रमिकों की आवाज सुनते हुए कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिदर सिंह बाजवा ने उन्हें प्राथमिकता के आधार पर दवाई मिलने का आश्वासन दिया। उन्होंने एसएमओ डा. संजीव भल्ला को इस ओर तुरंत ध्यान देने की हिदायत दी। कई बार तकनीकी खराबी के कारण ऐसी समस्या आती है। दरअसल मंत्री की उपस्थिति में नशा छुड़ाने की दवाई लेने वाले श्रमिकों ने अपनी जेबों में पड़ी रोटियों को दिखाते हुए यह कहा कि उन्हें अपने कार्य पर रोजाना नौ बजे पहुंचना होता है।

जब भी वे दवा लेने नशा मुक्ति केंद्र में आते हैं तो उन्हें संबंधित विभाग की ओर से 11 से 12 बजे तक बैठा कर रखा जाता है। इसी बीच अमीर घराने से संबंधित कोई भी युवा जब नशा मुक्ति केंद्र पर दवाई लेने आता है तो उसे पहल के आधार पर दे दी जाती है। जबकि उन्हें नित्य नए बहाने लगाकर उनकी मजदूरी से खिलवाड़ किया जाता है और वह दिहाड़ी लगाने से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में वे अपने परिवार का कैसे पेट पालेंगे। ऐसा लग रहा है कि प्रशासन उन्हें दोबारा नशे की गर्त में धकेलना चाहता है। एक घंटे तक दवाई ना देने के आरोप लगाते हुए रोष प्रदर्शन किया। मंत्री दवाई मिलने का आश्वासन दिया।

 

 

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