टीबी मरीजों की लापरवाही बना रही मर्ज को और भी गंभीर

फीरोजाबाद। अगर आप भी टीबी के मरीज है और आप भी दवा समय पर नहीं ले रहे हो तो ये आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। गौरतलब है कि टीबी के भुलक्कड़ रोगी अपनी और विभाग की मुसीबत बढ़ाने का काम कर रहे हैं। दवा खाने के प्रति लापरवाही उन्हें मल्टी ड्रग रजिस्टेंस (एमडीआर) और एक्स्ट्रा ड्रग रजिस्टेंस (एक्सडीआर) रोगी बना रही है। इन दो श्रेणी के रोगियों पर टीबी की सामान्य दवाएं बेअसर हो जाती हैं।

दरअसल तमाम रोगी दवाओं का नियमित सेवन नहीं करते। इस वजह से ऐसे रोगियों के शरीर में टीबी के विषाणु और शक्तिशाली हो जाते हैं और टीबी की कुछ सामान्य दवाएं उन पर बेअसर हो जाती हैं। इस तरह ये रोगी मल्टी ड्रग रजिस्टेंटस और एक्सडीआर हो जाते हैं। जिला क्षय रोग चिकित्सा अधिकारी डा. आरएस अत्येंद्र ने बताया कि टीबी के रोगियों को समय-समय पर दवाओं का पूरे समय सेवन करना जरूरी है। दवा खाने में एक दिन भी गैप नहीं करना चाहिए।

बता दें कि जिन रोगियों पर रिफाम्पसिन दवा बेअसर हो जाती है, वे एमडीआर और जिन पर रिफाम्पसिन समेत टीबी की दो दवाएं बेअसर हो जाती हैं, वे एक्सडीआर रोगी कहे जाते हैं। ऐसे रोगियों को दो साल तक रोजाना आधा दर्जन दवाएं खानी पड़ती हैं। दरअसल केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक पूरे देश को टीबी से मुक्त बनाने का निर्णय लिया है। सुहागनगरी के सरकारी और निजी अस्पतालों में आए रोगियों की संख्या घट रही है, लेकिन एमडीआर की संख्या हर साल कई सैकड़ा और एक्सडीआर रोगियों की संख्या का आंकड़ा दर्जनों में है। इसकी वजह से दवा खाने के प्रति रोगियों की लापरवाही।

 

 

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