कोरोना का कहर: होम्योपैथिक दवाओं का इस्तेमाल कर बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता

अमरोहा। होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करके भी लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं। इसमें आर्सेनिकम अल्बम का सेवन महीने में तीन दिन और कंफेयर दवा का इस्तेमाल महज एक दिन कर सकते हैं। जीनस एपिडेमिकस भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर है। यह दवा स्वाइन फ्लू बीमारी में भी काम आती है।

होम्योपैथिक चिकित्सक जावेद अख्तर सिद्दीकी ने बताया कि लोगों की लापरवाही से कोरोना संक्रमण एक बार तेजी से उभर रहा है जिसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार भी चितित है। कहा कि कोरोना फिर से फैलने की विशेष वजह बिना मास्क के घर से निकलना, सैनिटाइजर का प्रयोग न करना, बाजार व भीड़-भाड़ वाले इलाकों में घूमना आदि हैं। कहा कि वैसे तो सरकार कोरोना को काबू करने के लिए सरकारी अस्पतालों में मुफ्त टीके लगवा रही है, लेकिन लोगों को टीके के साथ-साथ सावधानी बरतने की जरूरत है तभी इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। यह उन्हीं लोगों को प्रभावित करता है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। टीबी, सांस, कैंसर, अस्थमा, डायबिटीज आदि बीमारियों से ग्रसित लोग भी इसकी चपेट में आसानी से आ जाते हैं।

बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में होम्योपैथिक दवाओं का भी विशेष महत्व है। कई लोग चिकित्सकों की सलाह पर इन दवाओं को इस्तेमाल भी कर रहे हैं। कहा कि आर्सेनिकम अल्बम और कंपेयर दवा विशेष रूप से कारगर है। आयुष मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार आर्सेनिकम अल्बम दवा महीने में तीन बार सुबह, शाम, दोपहर लेनी आवश्यक है जबकि, कंपेयर दवा महीने में एक बार ही सेवन करनी हे। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। बताया कि जीनस एपि डेमिकस दवा भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर सिद्ध हुई है और इसकी नगर में 70 हजार डोज बिक चुकी हैं।

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