इस जिले में खत्म हुई कोरोना मरीजों की दवा, मुंह मांगी कीमत देने के बाद भी नहीं नहीं मिल रही दवा

गोरखपुर। देश भर में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना मरीजों की दवा की मांग बढ़ती जा रही है। बता दें कि गोरखपुर जिले में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच महामारी में कारगर दवाएं बाजार से खत्म हो गई हैं। थोक दवा मंडी भालोटिया में फेबी फ्लू और  रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं। ऐेसे में दवा खरीदने वाले लोग निराश हैं। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री दिलीप सिंह ने कहा कि साल के शुरुआत में मरीजों की संख्या कम होने के कारण दवाओं की मांग घट गई थी। खास बात यह है कि ये दवाएं जल्द ही एक्सपायर हो जाती हैं। ऐसे में विक्रेताओं ने सीमित स्टॉक ही मंगाए थे। संक्रमण फिर से बढ़ा है। दवाओं के लिए ऑर्डर भेजे जा चुके हैं। सप्लाई में एक-दो दिन लग सकता है। उसके बाद दवाओं की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।

अभी 650 से अधिक कोरोना के एक्टिव केस हैं। इनमें से 590 संक्रमित होम आइसोलेशन में हैं। संक्रमितों के साथ उनके परिजन भी संक्रमण के खतरे से जूझ रहे हैं। मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही फेबी फ्लू की डिमांड बढ़ गई है। यह दवा 200 एमजी (मिलीग्राम), 400 एमजी और 800 एमजी की डोज में मिलती है। तीनों डोज बाजार में नहीं हैं। इन दवाओं को खरीदने के लिए भालोटिया पहुंच रहे ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के दवा दुकानदार मुंहमांगी कीमत देने के लिए तैयार हैं। इसके बाद भी उनको दवाएं नहीं मिल रही हैं। इसके अलावा गंभीर मरीजों को लगाए जाने वाला  रेमडेसीविर इंजेक्शन भी नहीं मिल रहा है। इस इंजेक्शन की कीमत चार से पांच हजार रुपये के बीच है। इंजेक्शन को मंगाने के लिए थोक विक्रेताओं ने निर्माता कंपनी को ऑर्डर भी दिया है। इसके बाद भी उन्हें इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

 

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