कोरोना के मरीजों के लिए बुरी खबर, जरूरी जीवन रक्षक दवाएं आउट ऑफ स्टॉक

रोहतक। रोहतक में हर रोज कभी स्कूलों में तो कभी कालोनियों में कोरोना बम फूट रहे हैं। ऐसे में रोहतक वालों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि कोरोना से लड़ने वाली दो दवाएं खत्म हो गई हैं। ऐसे में कोरोना से सीधे जंग लड़ रहे जिले के लिए ये मुश्किल में डालने वाली खबर हैं। कल जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों में 54 नए केस की पुष्टि हुई है। इनमें 10 स्टूडेंट्स, तीन टीचर समेत डॉक्टर व स्टाफ नर्स शामिल हैं तथा कल ही एक मरीज की मौत कोरोना से होने की पुष्टि उनके डेथ ऑडिट में सामने आई है।

बड़ा बाजार निवासी इस महिला की 9 अप्रैल को पीजीआई में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। ऐसे में अब जिले में कोरोना से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 166 हो गया है। दूसरी मुश्किल में डालने वाली खबर ये है कि इस समय जिले में कोरोना से सीधे मुकाबले में कारगर दो जीवन रक्षक दवाओं का स्टॉक आउट ऑफ हो गया है। इनमें को वैक्सीन और रेमडेसिविर इंजेक्शन शामिल हैं। पीजीआई में बकायदा को वैक्सीन स्टॉक उपलब्ध न होने के बारे में नोटिस चिपका दिया गया है। वहीं कोविड मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत दो बड़े अस्पतालों के पास ही रेमडेसिविर इंजेक्शन का स्टॉक बचा है।

शहर के करीबन हर मेडिकल स्टोर पर इन इंजेक्शन का स्टॉक खत्म है। जबकि हालात ऐसे हैं कि जिले में मिल रहे कोरोना के सीवियर कैटेगरी के 60 फीसदी मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ रही है। देश में छह दवा कंपनियां ही रेमडेसिविर बना रही हैं। वहीं जिला स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि दाेनों वैक्सीन के लिए उन्होंने मुख्यालय में डिमांड भेज दी हैं। सिविल सर्जन कार्यालय के पास काेराेना टीकाकरण में लगाए जा रहे को-वैक्सीन की डाेज सीमित हैं। जिला टीकाकरण टीम के अधिकारी का तर्क है कि राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि टीकाकरण प्रोग्राम में फिलहाल को-वैक्सीन पहली डोज लगवाने वाले लोगों को न दी जाए। अब ऐसे में 11 से 14 अप्रैल तक चलने वाला टीका उत्सव सिर्फ कोविशील्ड के भरोसे मनाया जाएगा।

पीजीआई के मेडिसिन विभाग के अनुसार हाल के दिनों में सीवियर कैटेगरी में शामिल करीब 140 मरीजाें को रेमडेसिविर की डोज लगा चुके हैं। अभी औसतन 50 इंजेक्शन की डोज रिजर्व है। ये लंग्स इंफेक्शन होने के पहले सप्ताह में लगना जरूरी होता है। चूंकि पहले सप्ताह में वायरस वायरीनिया फेस में होता है और मल्टीप्लाई होता है। पहले दिन इसके दो डोज दिए जाते हैं। फिर हर दिन एक-एक डोज पांच दिन तक मरीज को दी जाती है।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की मार्केट से आउट ऑफ स्टॉक हो चुका है। शहर के छोटूराम चौक मेडिसिन मार्केट तथा मेडिकल मोड़ पर संचालित फार्मा शॉप में भी रेमडेसिविर नहीं मिल रहा। दवा कारोबारियों ने बताया कि पिछले तीन दिनों से मार्केट में रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। प्राइवेट अस्पताल के फार्मासिस्ट ने स्टॉक रिजर्व होने की बात कही। जिला केमिस्ट एसेसिएशन प्रधान सतीश कत्याल ने बताया कि शहर में तीन दिन पहले रेमडिसिविर इंजेक्शन का स्टॉक खत्म हो चुका है। अब दिल्ली से भी नहीं मिल पा रहा है।

वहीं पीजीआई मेडिसिन विभाग काेविड 19 के नोडल अधिकारी व हेड डॉ. वीके कत्याल ने कहा कि रेमडेसिविर का स्टॉक रिजर्व है और 1000 रेमडेसिविर की डिमांड भेजी है। तीन दिन में खेप उपलब्ध हो जाएगी। सिविल सर्जन डॉ. अनिल बिरला ने कहा कि 1500 को-वैक्सीन की डोज और रेमडेसिविर के एक हजार इंजेक्शन की डिमांड उच्चाधिकारियों को भेज दी है। खेप आज पहुंच जाएगी।

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