एस्ट्राजेनेका की डायबिटीज की दवा फोर्सिग मानव परीक्षण में असफल

नई दिल्ली। एस्ट्राजेनेका की डायबिटीज के लिए बनाई गई सर्वश्रेष्ठ दवा कोविड-19 से अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज करने में नाकाम साबित हुई। ब्रिटिश दवा निर्माता ने सोमवार को कहा है कि उसकी डायबिटीज की दवा फोर्सिग अस्पताल में भर्ती कोविड-19 मरीजों का इलाज नहीं कर सकी। तीसरे चरण के मानव परीक्षण के शुरुआती डेटा से पता चला कि गंभीर जोखिम वाले मरीजों पर दवा अपने उद्देश्यों को पूरा नहीं कर सकी। फोर्सिग का वैश्विक मानव परीक्षण कोविड-19 से अस्पताल में भर्ती 1250 मरीजों पर किया गया था, ये देखभाल के स्थानीय मानक के अलावा है।

दरअसल परीक्षण में शामिल मरीजों को हाइपरटेंशन, दिल संबंधी बीमारी और हार्ट फेल्योर, टाइप-2 डायबिटीज या पुराना किडनी के रोग का इतिहास था। कंपनी ने बयान में कहा, “फोर्सिग कोविड-19 के मरीजों में मौत और बिगड़ती हुई बीमारी के जोखिम को कम करने में आंकड़ों की महत्ता तक नहीं पहुंची। ” हालांकि, कंपनी नए इलाज का विकास और कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज और रोकथाम के लिए मौजूदा दवाइयों को दोबारा इस्तेमाल पर काम कर रही है।

कंपनी के अन्य इलाज में से एक एंटीबॉडी कॉकटेल AZD7442 है। उसे बीमारी रोकने के बजाए इलाज करने के लिए तैयार किया गया है। कोविड-19 के लिए इलाज मानव परीक्षण के अंतिम चरण में है। उसकी प्रतिद्वंदी मॉडर्ना के प्रयासों समेत कई कंपनियां विकसित करने में जुटी हैं। मार्च में एस्ट्राजेनेका ने कहा था कि ये अमेरिका को एंटीबॉडी कॉकटेल का आधा मिलियन अतिरिक्त डोज आपूर्ति करेगी। अनुबंध 200,000 डोज की शुरुआती आपूर्ति के लिए अक्तूबर 2020 में हुआ था, जिसकी कीमत 726 मिलियन डॉलर थी। अंतिम चरण के मानव परीक्षण में ये जांचा जा रहा था कि क्या फोर्सिग मरीजों में ऑर्गन फेलियर को कम कर सकती है जिनको कोरोना वायरस से गंभीर जोखिम होने का खतरा रहता है।

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