डॉक्टर औषधि केंद्र की दवाओं की जगह लिखते है ब्रांडेड दवा

महोबा। जेनरिक दवा सस्ती मिलती है उसके बाबजूद भी डॉक्टर कम ही लिखते है। गौरतलब है कि जिले में एकमात्र जनऔषधि स्टोर जिला अस्पताल में स्थित है। यहां 500 से अधिक प्रकार की जेनरिक दवा उपलब्ध है। फार्मासिस्ट भी तैनात है। फिर भी लोग यहां से दवा नहीं खरीदते। इसका सबसे बड़ा कारण डॉक्टरों द्वारा मरीजों को जेनरिक दवाओं का नहीं लिखा जाना है। वह ब्रांडेड दवा ही लिखते हैं, जो प्राइवेट मेडिकल स्टोर पर ही मिलती है। दरअसल बोले तीमारदार मैंने पहले भी जल औषधि केंद्र से दवाएं ली थीं। जिससे मुझे काफी आराम मिला था। आज अस्पताल आई तो कफ कोल्ड की समस्या थी। यहीं से सीरप लिया, जो करीब साठ फीसद कम दाम में मिला।

अस्पताल परिसर में स्थित जनऔषधि केंद्र में शाम पांच बजे तक दवा मिलती है। ब्रांडेड दवा से 60 फीसद कम रेट पर जेनरिक दवा मिलती है। दोपहर के वक्त यहां बीमार शिवकुमार की पत्नी पहुंची। अस्पताल का पर्चा दिखाया, जिसमें गुडसेफ दवा लिखी थी। दवा नहीं मिलने पर वह बाहर जा रही थी। कुछ यही हाल अन्य का भी था। डाक्टर अक्सर मॉक्सीक्लेव, मल्टी विटामिन सीरप, जीरो डॉल एचपी, जीरो डॉल पी, दवा लिखते हैं, जो यहां नहीं मिलती। केंद्र के फार्मासिस्ट अवधेश कुमार ने बताया कि जिला अस्पताल के डॉक्टर लोगों में भ्रम बनाते हैं कि जनऔषधि केंद्र की दवा फायदा नहीं करेगी। वह बाहर की दवा ही लिखते हैं। केंद्र पर दवा दिल्ली से आती है। बाजार से आधे दामों पर कारगर दवा मिलती है।

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