चिकित्सक नहीं लिख रहे मरीजों के पर्चे पर जेनरिक दवाएं

मेदिनीनगर। ब्रांडेड महंगी दवाओं के विकल्प में समान गुणवत्ता वाली जेनरिक दवाइयों को कम कीमत पर जनता को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जुलाई 2015 को जन औषधि योजना शुरू की थी। इसके तहत जन औषधि केंद्र स्थापित कर लोगों को काफी सस्ती दर पर जेनरिक दवाइयां उपलब्ध कराई जानी थी। पलामू के सरकारी अस्पतालों में तो अब तक केंद्र का संचालन अब तक शुरू नहीं किया जा सका। लेकिन निजी स्तर पर केंद्र का संचालन शहर में जरूर हो रहा है। लेकिन हाल के दिनों में सस्ती दवा की दुकान भी बीमार पड़ने लगी है।

कारण कि अधिकांश चिकित्सक भी मरीजों के पर्चे पर जेनरिक दवाएं नहीं लिख रहे हैं। बता दें कि जन औषधि केंद्र में रविवार को जेलहाता निवासी अरूण कुमार, उज्जवल सिन्हा, मयंक, रूपेश व शंभू कुमार डा महेंद्र प्रसाद चौबे का पुर्जा लेकर पहुंचे। वे लोग लिमसी, जिनकोविट, स्काविस्टा, मुसीनेट, डोक्सी वन एलडीआर और डोक्सी वन लेबलेट की मांग कर रहे थे। केंद्र के कर्मचारी कुछ दवाएं जेनरिक की दे रहे थे। बावजूद वे लोग उसी नाम की दवा की मांग करने लगे। कर्मचारियों ने कहा कि यहां जेनरिक दवाएं ही मिलेंगी। उस कंपनी की दवाएं यहां नहीं है। इसके बाद वे लोग वापस लौट गए। कर्मचारियों ने बताया कि चिकित्सक ब्रांडेड दवाएं लिखते हैं।

मरीज व उसके स्वजन उसी कंपनी की दवाएं लेना भी पसंद करते हैं। दरअसल गरीबों का दुर्भाग्य है कि पलामू जिले में अबतक सरकारी अस्पतालों में एक भी जन औषधि केंद्र नहीं खुल सकी है। यहां तक की जिले के मेदिनी राय मेडिकल कालेज अस्पताल में भी जन औषधि केंद्र स्थापित नहीं हो सका है। जन औषधि केंद्र के न खुलने से मरीजों को बाहर से दवाइयां महंगे दाम पर लेनी पड़ रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मरीजों को सस्ती दवा उपलब्ध कराने का सपना कैसे पूरा होगा। जन औषधि केंद्र स्थापित किए जाने की घोषणा के बाद लगा था कि अब गरीब भी बीमार होने पर अपना बेहतर इलाज कराने के बाद दवा खरीद पाएंगे। लेकिन जिले में जन औषधि केंद्र नहीं खुलने की वजह से जनता को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

बड़ी संख्या में गरीब लोग सरकारी अस्पतालों में पहुंचकर अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराते हैं। इन्हें सरकारी अस्पतालों में कुछ दवाइयां मिल जाती हैं। दवाई उपलब्ध नहीं रहने की स्थिति में इन्हें बाहर से दवाइयां खरीदना पड़ता है। इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री जन औषधि योजना की शुरूआत की गई थी। ब्रांडेड अंग्रेजी दवा से 50 से 60 फीसद कम कीमत पर जेनेरिक दवा मिलती है। जेनेरिक दवा से जिले के मरीजों को काफी लाभ होगा। मेदिनीनगर के केजी स्कूल रोड स्थित जन औषधि केंद्र पर कुछ युवतियां देवा लेने पहुंची। लेकिन वहां अधिकांश दवाएं उपलब्ध नहीं थी। कारण कि वे ब्रांडेड दवा की मांग पर अडिग थी।

 

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