डॉक्टर होंगे कूल तो स्वास्थ्य होगा पावरफुल

रोहतक: बेबाक बोल और अनोखे अंदाज के लिए चर्चित राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को स्वयं पसीना बहाना भाता है, लेकिन डॉक्टरों को कूल-कूल माहौल उपलब्ध कराना उनकी दिली ख्वाहिश है। विज का मानना है जब डॉक्टर कूल होगा तो स्वास्थ्य अपने आप पावरफुल हो जाएगा। यह ख्वाहिश उन्होंने पीजीआई में वातानुकूलित ओपीडी एवं ट्रामा सेंटर के उद्घाटन पर जाहिर की। यहां विज ने चुटकी भी ली कि डॉक्टरों को एयरकंडीशन अच्छा नहीं लगता, इसलिए पिछली सरकारों ने पीजीआई में बिना एयरकंडीशन भवन बनाए।
स्वास्थ्य मंत्री पीजीआईस्वास्थ्य एवं विज्ञान विश्वविद्यालय के आठवें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शरीक हुए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने जहां डेढ़ साल में विकास और तरक्की के नए आयाम स्थापित किए तो वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ओपी कालरा ने अपने एक साल में पीजीआई की ख्याति को राष्ट्र फलक पर पहुंचाया। डॉ. कालरा को चिकित्सा-शिक्षा का सर्वोच्च सम्मान डॉ. बीसी रॉय अवॉर्ड मिलना साबित करता है कि उनके प्रयास सार्थक और निस्वार्थ रहे। पीजीआई के 50 साल के इतिहास में पहली बार तैयार हुई वार्षिक रिपोर्ट को उन्होंने तरक्की और कर्मठता का रिपोर्ट कार्ड बताया। यहां पिछली सरकारों पर तंज कसते हुए विज ने कहा कि शायद इसलिए अब पीजीआई की वार्षिक रिपोर्ट तैयार नहीं हुई कि कुछ काम ही नहीं हुआ होगा। काम होगा, तभी तो रिपोर्ट बनेगी। इस सबके बीच स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, कुलपति डॉ. ओपी कालरा की ही तरह पीजीआई को देश का शीर्ष संस्थान बनते देखना चाहते हैं और इस राह में दोनों ही महानुभाव पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल को सार्थक सहयोगी मानते हैं, जिसकी एंट्री एमआरआई मशीन और सिटी स्केन के जरिए ताजा-ताजा पीजीआई में हुई है। इस सुविधा का उद्घाटन भी मुख्यअतिथि विज ने किया। भ्रष्टचार को आज भी उन्होंने उस दीमक की तरह बताया जो धीरे-धीरे सब कुछ खोखला कर देती है, लेकिन उनके पास दीमक नाशक दवाई है, जिसका छिडक़ाव वह चंडीगढ़ से पूरे प्रदेश में करेंगे।
बिना पानी पीये विज ने अंग्रेजी-हिंदी, दोनों भाषाओं में अपनी सफलता गिनाई, तो विपक्ष को कोसा।
स्थापना दिवस की झलकियां
  • शुद्ध हिंदी में दिए लंबे वक्तव्य में पीजीआई हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. ओपी कालरा ने अपने कार्यकाल और पीजीआई की उपलब्धि एवं गतिविधियों का बारीक विश्लेषण किया।
  • बेशक मंच संचालक स्वास्थ्य मंत्री को मुख्यमंत्री बोल गए, लेकिन अपनी वाक कला के प्रभाव से अतिथियों का काफी समय उन्होंने मंच पर खड़े रहते हुए व्यतीत करवाया।
  • उप कुलपति डॉ. वी.के. जैन और कुलसचिव डॉ. एच.के अग्रवाल स्थापना समारोह में भी अपने स्वभाव के अनुरूप शांत, सरल दिखे।
  • डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय तिवारी ने अतिथि और गणमान्य लोगों से बराबर संवाद बनाए रखा और आगे-आगे रहे। शायद यही वजह थी कि मंच पर उनकी कुर्सी पूरे समस खाली ही रही। वह मंच पर न रहकर दर्शक दीर्घा में रहे और हर आने-जाने वाले को ‘अटैंड’ किया।
  • विधायक मनीष ग्रोवर अनिल विज का सानिध्य पाकर इतने गदगद हो गए कि डॉक्टरों के समारोह मेें स्वास्थ्य मंत्री को भी डॉ. अनिल विज संबोधित कर दिया।

अनिल विज गरजते रहे, धनपत सिंह सोते रहे!
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज जब माइक पर बुलंद आवाज में गूढ़ बातें साझा कर रहे थे तो उनके विभाग के अतिक्ति मुख्य सचिव धनपत सिंह कुर्सी पर आंखें मूंदे बैठे रहें। हो सकता है यदि धनपत सिंह से इस बाबत पूछें तो वह कह दें कि स्वास्थ्य मंत्री की बातें ध्यानपूर्वक सुन रहे थे, लेकिन दर्शक दीर्घा में बैठे डॉक्टर, विद्यार्थी तो यही कह रहे थे कि अतिथिजी तो सो गए। एक समय तो ऐसा भी आया जब स्वास्थ्य मंत्री ने ढोलक-डमरू का जिक्र भी किया, लेकिन सिंह ने आंखें झपकाए रखीं।
सम्मानित अतिथि के रूप में पहुंचे पश्चिम बंगाल हेल्थ यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. भाभातोश बिश्वास जब तक समारोह में रहे, सबकी निगाहों में रहे।
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