महामारी से जंग लड़ रहे भारत का रूस ने दिया साथ,Sputnik-V वैक्सीन की दूसरी खेप भी पहुंचने वाली है भारत

Indian Prime Minister Narendra Modi (right) welcomes Russian President Vladimir Putin prior to their meeting in New Delhi on Oct. 5, 2018. During the visit, India signed a $5 billion deal to buy Russian S-400 surface-to-air missile systems despite a U.S. law ordering sanctions on any country trading with Russia’s defense and intelligence sectors. YURI KADOBNOV/AFP via Getty Images

नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण भारत को बहुत बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।इस दौर में तमाम देश भी भारत की मदद के लिए आगे आए हैं। कोरोना के संकट काल में एक भरोसेमंद रणनीतिक साझेदार के रूप में रूस भी अपनी अपेक्षा पर खरा उतरते हुए भारत के साथ अपनी दोस्ती को निभा रहा है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी से लड़ने के लिए रूस अगले दो दिनों में भारत के लिए स्पुतनिक-वी वैक्सीन की दूसरी खेप भेज रहा है। जिसमे करीबन 150,000 खुराके मौजूद होंगी।इसके अलावा लगभत तीस लाख खुराक मई के अंत तक हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डी की लैब में उतरने वाली है। रूस ने स्पुतनिक वी की 50 लाख खुराक जून तक और जुलाई में एक करोड़ से अधिक खुराक भारत भेजने की तैयारी की है।

नई दिल्ली और मॉस्को में स्थित राजनयिकों के अनुसार, रूस कम से कम चार ऑक्सीजन उत्पन्न करने वाले ट्रक भेज रहा है, जो  कि बिजली की आपूर्ति होते ही 200 बेड के अस्पताल को सप्लाई कर सकता है। ये ट्रक प्रति घंटे 70 किलोग्राम ऑक्सीजन और प्रति दिन 50,000 लीटर का उत्पादन करते हैं। उन्होंने कहा, “हम पहले ही चार ऐसे ट्रकों की खरीद कर चुके हैं और अधिक प्राप्त कर रहे हैं ताकि ऑक्सीजन की कमी नहीं हो। ये ट्रक रूसी आईएल -76 विमान से इस सप्ताह के अंत तक भारत में उतरेंगे।”

जानकारी के लिए आपको बता दे कि स्पुतनिक वी की 150,000 खुराक का पहला बैच 1 मई को भारत आया था। इसी दिन  भारत ने 18 से 44 वर्ष के बीच के लोगों के लिए टीकाकरण का तीसरा चरण खोला था। स्पुतनिक वी मानव एडेनोवायरल वैक्टर पर आधारित है। कोरोनो वायरस बीमारी के खिलाफ इसकी 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावकारिता है। इसे 12 अप्रैल को ही भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी।गौरतलब है कि 91.6 प्रतिशत की प्रभावकारिता के साथ, स्पुतनिक वी दुनिया में कोविड के खिलाफ पहली वैक्सीन है।द लांसेट में प्रकाशित नैदानिक परीक्षण डेटा ने संकेत दिया कि वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी लगती है।

Advertisement