सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कोरोना पर ये झूठ, WHO ने इन पर कही ये बड़ी बात 

नई दिल्ली। कोरोना वायरस इस समय पूरे देश में गंभीर रूप से फैला हुआ है। अभी इसकी दूसरी लहर शांत नहीं हुई थी कि हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इसकी तीसरी लहर आने के संकेत दे दिए हैं। प्रतिदिन वायरस से करीब 4 लाख लोग संक्रमित हो रहे हैं। कोरोना वायरस को लेकर दुनिया समेत पूरे देश में कई तरह की बातें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। जिनकी सच्चाई जाने बिना लोग इन पर भरोसा कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने संक्रमण के फैलाव को लेकर फैलाई जा रही इन भ्रांतियों को दूर करते हुए सही और तथ्यपूर्ण जानकारी दी है। जिससे लोग इन अफवाहों से दूर रहें और सनसनी न फैलाएं।

कोविड के फैलने को लेकर हाल के दिनों में तमाम तरह के मैसेज वायरल हो रहे हैं। इस बीच सरकार और WHO  बार-बार जनता तो किसी भी वायरल होम रेमेडी पर बना जांच पड़ताल के भरोसा न करने को रहे हैं। इस तरह के झूठ, गलत सूचनाओं और कोविड-19 के इलाज से जुड़े मिथ से आपको बचना चाहिए। यहां हम आपको कोविड से जुड़े कई तरह की अफवाहों के बारे में बता रहे हैं जिन पर WHO ने जवाब दिया है।

सोशल मिडिया पर फ़ैल रहा है कि कोरोना ​मच्छर के काटने से फैलता है जबकि WHO का दावा है कि इस बात के अब तक कोई सबूत नहीं हैं कि COVID-19 मच्छरों के काटने से फैल सकता है। यह बीमारी मनुष्यों में मच्छरों के काटने से नहीं फैलती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यदि किसी संक्रमित व्यक्ति को मच्छर काट ले तब भी उसके ब्लड में मौजूद कोरोना वायरस मच्छर के भीतर जीवित नहीं रह सकता और इसलिए उसी मच्छर द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति को काटने पर संक्रमण फैलने का खतरा नहीं है।

सोशल मीडिया पर कहा गया है कि ​COVID-19 एक वायरस के अलावा बैक्टीरिया से भी हो सकता है जबकि WHO का दावा है कि COVID-19 का कारण बनने वाला वायरस कोरोना विरिडे (Coronavirus) नामक वायरस फैमिली से आता है। एंटीबायोटिक वायरस के खिलाफ काम नहीं करते हैं। WHO के मुताबिक, अगर आप Covid-19 की वजह से अस्पताल में भर्ती होते हैं तो मरीज को एंटीबायोटिक दवाएं दी जा सकती हैं ताकि कोई और बैक्टीरियल इन्फेक्शन न हो।

यह भी कहा जा रहा है कि हर्बल रेमेडी से कोविड-19 रुक सकता है। जबकि WHO का दावा है कि हाल के दिनों में तमाम लोगों की ये धारणा है कि हर्बल और आयुर्वेदिक रेमेडी कोविड-19 संक्रमण को रोक सकते हैं। हालांकि हर्बल दवाएं कुछ बीमारियों का इलाज कर सकती हैं, लेकिन इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि यह कोविड-19 का इलाज कर सकती हैं।

क्या जूतों-चप्पलों से भी फैलता है कोविड? अमेरिका के सीडीसी द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, जूते-चप्पल से भी कोविड-19 फैल सकता है। यह रिपोर्ट खासतौर पर मेडिकल स्टाफ के फुटवियर पर आधारित थी। लेकिन WHO इस बात को पूरी तरह से सच नहीं मानता। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, जूतों से कोविड फैलने की बहुत कम संभावना है। हालांकि, बेहतर होगा अगर आप अपने स्लीपर और शूज को घर के एंट्री गेट पर भी उतारें न अंदर लेकर आएं।

क्या घर में मक्खियों से फैलता है कोविड संक्रमण? WHO के अनुसार, अब तक किसी भी शोध में इस बात के कोई सबूत नहीं मिले कि कोविड घर में उड़ने वाली मक्खियों के जरिए फैलता है। COVID-19 मुख्य रूप से संक्रमित मरीज द्वारा खांसते या छींकते या फिर बातचीत करते वक्त निकलने वाली बूंदों से फैलता है। यह तब भी फैल सकता है जब संक्रमण क्षेत्र में आने वाली किसी सतह को छू लेते हैं और उन्हीं हाथों को अपनी आंख, नाक या मुंह को फिर स्पर्श करते हैं। इस बड़ी चूक से खुद तीमारदार भी बन सकता है कोरोना का मरीज, जान से न करें खिलवाड़

सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैलाई जा रही है कि ​क्या 5G मोबाइल नेटवर्क से COVID-19 फैलता है लेकिन सच ये है कि WHO इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि 5जी मोबाइल के जरिए कोरोनावायरस फैलता है। WHO की रिपोर्ट में ऐसे सभी दावों को फर्जी बताया गया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, कोरोना वायरस 5G मोबाइल नेटवर्क और रेडियो तरंगों के साथ एक जगह से दूसरी जगह पर नहीं पहुंच सकता। रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना उन देशों में फैल रहा है जहां 5जी मोबाइल नेटवर्क नहीं है।

क्या एंटीबायोटिक्स से कोरोना वायरस का इलाज हो सकता है? वहीं WHO के अनुसार, एंटीबायोटिक दवाएं  केवल बैक्टीरियल इंफेक्शन को ठीक करने में मदद करती हैं न कि वायरस को रोकने में। COVID-19 रोगी एक ही समय में होने वाले बैक्टीरियल इंफेक्शन के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स का प्रयोग कर सकते हैं।

अपनी सांस को रोककर COVID-19 टेस्ट करना क्या सही तरीका है? तमाम लोग सोचते हैं कि बिना खांसी और किसी भी असुविधा के अपनी सांसों को 10 सेकंड तक रोकने का मतलब है कि आप कोविड से संक्रमित नहीं हैंहै और न ही आपको कोई फेफड़ों संबंधी बीमारी है। यह कोविड टेस्ट करने का सबसे आसान तरीका है। लेकिन WHO के अनुसार, कोविड टेस्ट करने के सही माध्यम नहीं हैंहै। कोरोना की जांच के लिए आपको अपने पास किसी प्रयोगशाला में जाना उचित होगा।

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