कालाबाजारियों ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए

यमुनानगर। कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया जाता है। ऐसे में महामारी में भी कुछ लोग अवसर तलाश रहे हैं। मरीज की अंतिम सांसों पर भी लोग कालाबाजारी कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। निजी अस्पताल में भर्ती एक मरीज की जान बचाने के लिए 64 हजार रुपये लेकर दो रेमडेसिविर इंजेक्शन नकली थमा दिया। हालांकि चिकित्सकों ने नकली इंजेक्शन को पहचान लिया। तीमारदारों को चंडीगढ़ से मंगवाने की बात कही, लेकिन व्यवस्था करने के बीच में ही महिला की मौत हो गई।
सेक्टर-17 निवासी समाजसेवी अभिषेक शर्मा ने बताया कि शुक्रवार रात करीब दो बजे एक निजी अस्पताल से रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था कराने के लिए फोन आया था। निजी अस्पताल में 47 वर्षीय कोरोना संक्रमित महिला भर्ती थी। महिला की हालत गंभीर थी। ऐसे में चिकित्सकों ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था तीमारदार से करने को कहा।

अभिषेक शर्मा ने बताया कि तीमारदार को समझाया कि सुबह को सिविल सर्जन से बात कर रेमडेसिविर की व्यवस्था करा दी जाएगी, लेकिन महिला की धड़कन कम हो रही थी। ऐसे में तीमारदार कहीं से दो रेमडेसिविर इंजेक्शन 32-32 हजार रुपये में लेकर आ गए। तीमारदार ने चिकित्सक को रेमडेसिविर मरीज को लगाने के लिए दे दिए। जब चिकित्सक ने उन्हें बताया कि यह इंजेक्शन नकली है। ऐसे में तीमारदारों ने चिकित्सकों से बात की तो उन्होंने चंडीगढ़ से इंजेक्शन मंगवाने के लिए कहा, लेकिन जब तक महिला की मौत हो गई।

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