Coronavirus Treatment Protocol से हटाई गई Plasma Therapy, जानें- क्या कहती है ICMR की गाइडलाइन

कोरोना से देश भर में हर दिन हजारों लोगों की मौत हो रही है। इस बीच आईसीएमआर और एम्स ने बड़ा फैसला लिया है। कोविड-19 उपचार के लिए जारी गाइडलाइन में संशोधन किया गया है और मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग को नैदानिक प्रबंधन दिशा-निर्देश से हटा दिया। सरकार ने पाया कि कोविड-19 मरीजों के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी गंभीर बीमारी को दूर करने और मौत के मामलों को कम करने में फायदेमंद साबित नहीं हुई।

कोविड-19 के लिए गठित राष्ट्रीय कार्य बल-आईसीएमआर की पिछली सप्ताह हुई बैठक के दौरान सभी सदस्य प्लाज्मा थेरेपी को नैदानिक प्रबंधन दिशा-निर्देश से हटाने पर सहमत हुए थे, जिसके बाद सरकार का यह निर्णय सामने आया है। प्लाज्मा थेरेपी को कोविड-19 मरीजों के उपचार में प्रभावी नहीं पाया गया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अधिकारी ने कहा कि कार्य बल ने व्यस्क कोविड-19 मरीजों के लिए उपचार संबंधी नैदानिक परामर्श में संशोधन करते हुए प्लाज्मा थेरेपी को हटा दिया।

उल्लेखनीय है कि कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजयराघवन को देश में कोविड-19 उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग को तर्कहीन और गैर-वैज्ञानिक उपयोग करार देते हुए आगाह किया था।

बताते चलें कि चीन और नीदरलैंड में भी इसी तरह के अध्ययनों ने पहले अस्पताल में भर्ती कोविड-19 रोगियों में हालत में सुधार के लिए सीपीटी के किसी भी तरह के लाभ को नहीं पाया है। दरअसल प्लाज्मा थेरेपी में कोविड-19 से ठीक हुए मरीज के खून में मौजूद एंटीबॉडी को गंभीर मरीजों को दिया जाता है। आईसीएमआर की तरफ से 14 मई को जारी एक रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि हजारों मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी के परीक्षण करने के बाद पाया गया कि इससे मरीजों की मौत और अस्पताल से डिस्चार्ज होने के अनुपात में कोई फर्क नहीं आया है।

बताते चलें कि मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में 2,63,533 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 4329 लोगों की मौत हुई है। वहीं, पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 4,22,436 लोग ठीक हुए हैं। पिछले 24 घंटे में 18,69,223 टेस्ट हुए हैं।

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