मुंह में ऑक्सीजन लगाकर भी करते रहे लोगों की मदद, लेकिन खुद हार गए कोरोना से जिंदगी की जंग

नई दिल्ली। देश मशहूर हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. केके अग्रवाल का देर रात निधन हो गया। दिल का वो डॉक्टर जो गरीबों के दिलों की धड़कनों को महसूस कर लेता था। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के जरिये जुनून की हद तक लोगों की मदद में जुटे डॉ केके अग्रवाल के जाने से उनके चाहने वाले लाखों की आंखें नम हैं।  पिछले कई दिनों से वो कोरोना से जंग लड़ रहे थे। एक हफ्ते से वे वेंटिलेटर पर कोरोना से जिंदगी की जंग लड़ रहे थे। उनकी जीवटता और डॉक्टरी के प्रति उनके फर्ज को आप इस तरह समझ सकते हैं क‍ि कोरोना पॉजिट‍िव हो जाने के बाद भी उनके चेहरे पर एक श‍िकन नजर नहीं आ रही थी।  यहां तक कि अस्पताल में भर्ती होने से पहले भी वो ऑनलाइन मरीजों की परेशानियां सुलझाते रहे।

डॉक्टर केके अग्रवाल फेमस कार्डियोलॉजिस्ट थे। उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।  इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ केके अग्रवाल का सोमवार को नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कोविड के साथ लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया। वह 62 साल के थे। पिछले कई दिनों से एम्स में भर्ती थे। उन्हें एक सप्ताह से वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था।इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और हार्ट केयर फाउंडेशन के प्रमुख एवं पद्मश्री डॉ. केके अग्रवाल(62) का सोमवार रात करीब 11.30 बजे कोरोना संक्रमण के कारण निधन हो गया। वे पिछले कई दिन से एम्स के ट्रामा सेंटर में भर्ती थे। तीन दिन पहले ही तबीयत बिगड़ने के चलते उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था।

डॉ. केके अग्रवाल को कोरोना संक्रमण के बाद एम्स के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। केके अग्रवाल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर बीते 28 अप्रैल को जानकारी दी थी कि वह कोरोना संक्रमित हैं। इस बारे में आधिकारिक रूप से जानकारी देते हुए कहा गया, काफी दुख के साथ सूचित किया जा रहा है कि डॉ. केके अग्रवाल का 17 मई की रात 11.30 बजे के करीब कोरोना वायरस से निधन हो गया है। जब से वह डॉक्टर बने थे, उन्होंने अपना जीवन लोगों और स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर समर्पित कर दिया था। दो महीने पहले ही अग्रवाल ने वैक्सीन की दोनों खुराक भी ली थीं, लेकिन बीते माह वह संक्रमण की चपेट में आ गए। अग्रवाल को साल 2010 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

डॉक्टर अग्रवाल एक हृदय रोग विशेषज्ञ और हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख भी थे। उन्हें 2005 में डॉ बीसी रॉय पुरस्कार और 2010 में पद्मश्री मिला था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली में की और नागपुर विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी। डॉ केके अग्रवाल की पत्नी वीना अग्रवाल भी मेडिकल हेल्थ के क्षेत्र से  हैं।  वहीं उनकी बेटी नैना और बेटा नीलेश दोनों ही डॉक्टर नहीं है।  डॉ केके अग्रवाल के निधन के बाद से सैकड़ों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि और शोक संदेश देते हुए अपने अपने अनुभव साझा किए हैं।  वो अपने मददगार रवैये के लिए भी हमेशा याद क‍िए जाएंगे। इस पूरे कोरोना काल में उन्हें ऑनलाइन अपने फेसबुक के माध्यम से बिना किसी फीस के हजारों कोरोना मरीजों का न सिर्फ इलाज किया बल्क‍ि उनका हौसला भी बढ़ाए रखा।  खुद भी कोरोना पॉजिटिव होने के बाद लगातार इलाज के साथ साथ अपनी जीवटता से उससे जूझते रहे। वो नाक में ऑक्सीजन पाइप लगाकर भी लोगों से ऑनलाइन बात करने आए। ये उनका अपने पेशे के प्रति अटूट समर्पण और सेवा की भावना ही थी जो उन्हें इन हालातों में भी ताकत देती रही।

कोरोना महामारी के समय हजारों मरीजों की अपनी सलाह से जान बचाने वाले डॉ. अग्रवाल का एक वीडियो बीते दिनों वायरल हो गया था। एक लाइव वर्चुअल मीटिंग के बीच उन्हें उनकी पत्नी का फोन आता है। फोन पर जैसे ही वह वैक्सीन लगवा लेने की बात कहते हैं कि उनकी पत्नी गुस्सा जाती हैं। जिस दौरान डॉक्टर साहब को पत्नी डांट रही थीं उस दौरान वह लाइव थे और उनकी बातचीत भी रिकॉर्ड हो गई। उनका वह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया था।

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