उत्तराखंड – स्वास्थ्य सुधार में केंद्रीय मदद

देहरादून

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत इस बार जिला अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय मदद करेगा। मंत्रालय ने राज्यों को वर्ष 2016-17 की प्रोग्राम इप्लिमेंटशन प्लान (पीआईपी) के जारी दिशा-निर्देशों में विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाओं पर फोकस रखा है। जिला अस्पतालों में डायलिसिस सहित अन्य सुविधाओं के साथ उनके विशेषज्ञ भी तैनात करने में मदद दी जाएगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत निशुल्क दवा और जांच सेवाओं के लिए केंद्र राज्यों को सहयोग करेगा।
देखने में आया है कि राज्यों के तमाम प्रयास निशुल्क दवा और चिकित्सा जांचों की व्यवस्था को पूरी तरह प्रभावी नहीं बना सके। अब केंद्र की वित्तीय मदद से मरीजों को लाभ मिलेगा। निशुल्क दवा के तहत प्रयोगशाला को सुदृढ़ करने, दवा स्टोर बनाने और सप्लाई चैन विकसित करने के लिए अगर राज्य सरकार प्रस्ताव भेजेगी तो उस पर गंभीरता से विचार कर उचित मापदंडों के आधार पर बजट स्वीकृत होगा।
स्वास्थ्य विभाग में रेडियोलॉजिस्टों की कमी के चलते एमआरआई और सिटी स्कैन जैसी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। अस्पतालों में मशीनें हैं, लेकिन चलाने के लिए डाक्टर नहीं हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने टेली रेडियोलॉजी के लिए प्लान बनाया था, लेकिन वह टेंडर प्रक्रिया से आगे नहीं बढ़ पाया।
अब केंद्र के टेली रेडियोलॉजी के लिए भी बजट प्रावधान हो सकता है। नई सेवाओं के लिए 10 प्रतिशत अतिरिक्त-इस बार हेल्थ सिस्टम में नई सेवाओं को लांच करने के लिए एनएचएम के तहत 10 प्रतिशत अतिरिक्त बजट का प्रावधान रखा है। केंद्र ने स्पष्ट किया है कि इस बजट को वाहन खरीद, स्टाफ तैनाती, एक बार निरस्त हो चुके प्रस्ताव या फिर आधारभूत ढांचा विकास पर खर्च नहीं किया जा सकता। यह बजट केवल मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए सुझाई गई योजनाओं पर खर्च कर सकते हैं।
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