टीकाकरण से 21 फीसदी बच्चे अब भी वंचित

कटिहार (बिहार)
तमाम तरह की आधारभूत संरचना होने के बावजूद टीकाकरण से जिले के 20 प्रतिशत बच्चों का वंचित रहना स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली और मॉनीटरिंग सिस्टम पर सवाल पैदा करता है। बेहतर बात यह जरूर है कि टीकाकरण के मामले में कटिहार राज्य औसत के करीब पहुंच चुका है।
शिशु एवं बाल मृत्युदर को कम करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो वर्ष तक के बच्चों को नियमित टीकाकरण के तहत प्रतिरक्षित किया जाता है। जिले में एचआइएमएस रिपोर्ट के अनुसार 79 प्रतिशत बच्चे प्रतिरक्षित हुए हैं, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्थानीय इकाई के अनुसार करीब 74-75 प्रतिशत बच्चे ही प्रतिरक्षित हुए हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्र व राज्य सरकार बच्चे को करीब सात जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए जन्म के तुरंत बाद से दो वर्ष की आयु तक पूर्ण प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार के स्वास्थ्य कार्यक्रमों में बच्चों के टीकाकरण अभियान को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा गया है, यही वजह है कि गांव स्तर पर बच्चों के टीकाकरण की व्यवस्था सरकार की ओर से की गई है, इसके बावजूद टीकाकरण की यह स्थिति कई तरह के सवाल पैदा करती है।
सिविल सर्जन द्वारा वर्ष 2015-16 के लिए जारी एचएमआइएस रिपोर्ट के आधार पर कटिहार जिले में करीब 79 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया गया है। हालांकि बच्चों के मिलने वाले टीकाकरण को वर्गीकरण करने पर इसके अलग-अलग आंकड़े हैं। इसके बावजूद इतने बड़े पैमाने पर टीकाकरण से बच्चों का वंचित रह जाना बड़ा सवाल है। स्वास्थ्य महकमा के साथ-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ सहित कई गैर सरकारी संगठन भी शत प्रतिशत बच्चों को नियमित टीकाकरण के तहत प्रतिरक्षण के लक्ष्य को लेकर इस जिले में काम कर रहे हैं, फिर भी शत-प्रतिशत नतीजे हासिल करना बड़ी चुनौती है।
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