दो एंटीबॉडी दवा के मिलाने पर सफल रहा प्राइमरी रिजल्ट, 200 मरीजों का हुआ इलाज

नई दिल्ली। कोरोना को मात देने के लिए नई -नई दवाएं बनाने की कोशिश की जा रही है। गौरतलब है कि कोरोना के कम होते मामलों के बीच ये एक और राहत भरी खबर है। मुंबई में दो एंटीबॉडी दवा के मिलाने पर इसका प्रारंभिक प्रयोग सफल रहा। ये दो दवा हैं Casirvimab और Imdevimab जिन्हें मिलाकर 200 मरीजों का इलाज किया गया। मुंबई के सेवन हिल्स हॉस्पिटल में बीएमसी ने ये प्रयोग किया।

खास बात ये है कि इन दोनों दवाओं (Casirvimab and Imdevimab) के कॉकटेल के बाद सिर्फ 0.5% मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। वहीं मृत्यु दर भी आश्चर्यजनक तरीके से घटकर 70% हो गई। पहले जहां मरीजों को 13 से 14 दिन हॉस्पिटलाइज रहना पड़ता था, वहीं ये घटकर 5-6 दिन हो गई। दूसरी दवाओं जैसे रेमडेसिविर और स्टेरॉयड नहीं लेने पर साइड इफेक्ट भी कम हो गए। वहीं इन दोनों दवाओं का सफल प्रयोग कोरोना की तीसरी लहर के आने पर मरीजों को काफी राहत देगा।

रिपोर्ट के अनुसार कोरोना की इस लहर में 10 से 14 साल की उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमित हुए हैं, जिनका आंकड़ा 53.43 फीसदी है। वहीं 1 से 4 साल की उम्र के बच्चों में 51.04 फीसदी, 5 से 9 साल के बच्चों में 47.33 फीसदी और 15 से 18 साल के बच्चों में 51.39 फीसदी है। यानी कि औसतन 1 से 18 साल के बच्चों में 51.18 फीसदी कोरोना संक्रमण हो चुका है। इस सर्वे से साफ हो गया कि कोरोना की दूसरे लहर में बच्चे काफी संख्या में प्रभावित हुए।

BMC ने पिछले दिनों सीरो सर्वे भी किया था जिसमें मुंबई में 50 फीसदी बच्चों में कोरोना एंटीबॉडी पाई गई थी। यह बीएमसी का चौथा सीरो सर्वे था। इसके लिए 1 अप्रैल से 15 जून तक सैंपल लिए गए थे। इस सीरो सर्वे का सैंपल टेस्ट, नायर अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल के लैब में किया गया। 2176 नमूने जांच के लिए लिए गए थे। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई के 50 फीसदी बच्चे कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।

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