कोरोना वायरस को हरा सकती है ब्लड फैट कम करने की दवा: शोध

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए प्रभावी उपचारों की तलाश के साथ ही मौजूदा दवाओं में भी संभावनाएं तलाशी जा रही है। इसी कवायद में जुटे शोधकर्ताओं को ब्लड फैट कम करने के काम में आने वाली एक दवा में उम्मीद की किरण दिखी है। उनका दावा है कि इस दवा के इस्तेमाल से कोरोना संक्रमण को 70 फीसद तक कम किया जा सकता है। यह ओरल दवा रक्त में वसायुक्त पदार्थो के असामान्य स्तरों के इलाज में काम आती है।

ब्रिटेन की बर्मिघम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की अगुवाई वाली टीम के अनुसार, लैब में मानव कोशिकाओं पर किए गए परीक्षण में पाया गया है कि फेनोफाइब्रेट और इसका सक्रिय रूप फेनोफाइब्रिक एसिड कोरोना संक्रमण को काफी हद तक कर सकता है। इस अध्ययन से जुड़े इटली के सैन राफेल सांइटिफिक इंस्टीट्यूट की शोधकर्ता एलिसा विसेंजिक ने कहा, ‘हमारे नतीजों से जाहिर होता है कि फेनोफाइब्रेट दवा कोरोना के गंभीर लक्षणों को कम करने और इस वायरस के प्रसार को रोकने में काम आ सकती है।’

उन्हेांने बताया, ‘यह एक ओरल दवा है, जो बेहद किफायती और सुरक्षित होने के साथ ही दुनियाभर में उपलब्ध है। इससे खासतौर पर गरीब देशों को मदद मिल सकती है।’ शोधकर्ताओं ने बताया कि अगर यह दवा क्लीनिकल ट्रायल में खरी पाई जाती है तो उन लोगों के लिए उपयोगी हो सकती है, जिन्हें वैक्सीन लगवाने की सलाह नहीं दी जाती है। फिलहाल रक्त में कोलेस्ट्राल और लिपिड के उच्च स्तरों के उपचार में यह दवा इस्तेमाल हो रही है।

 

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