कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अलर्ट, तीन श्रेणियो में हो रही दवाओं की खरीद

देहरादून। देश भर में कोरोना की दूसरी लहर ने आतंक मचाया था तो वहीँ अब तीसरी लहर की चिंता सबको सता रही है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो चुका है। अब इसी कड़ी में दवा का पूरा प्रबंध किया जा रहा है। प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका देखते हुए इससे निपटने की तैयारियां जोरों पर हैं। 18 वर्ष से कम आयुवर्ग पर सबसे ज्यादा खतरा है। स्वास्थ्य विभाग ने इस आयुवर्ग को तीन श्रेणियों में विभाजित कर इसके हिसाब से ही दवाओं व उपकरणों की खरीद शुरू की है।

सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि बच्चों की उम्र के हिसाब से इनकी दवाओं का प्रकार व खुराक अलग-अलग होती है। छोटे बच्चों को जहां सिरप के रूप में दवाएं दी जाती हैं तो वहीं बड़ों को अलग-अलग मिलीग्राम की टेबलेट दी जाती है। इसके अलावा बच्चों की आयु के हिसाब से ही उपकरण भी इस्तेमाल होते हैं। इन्हें तीन श्रेणी में रखते हुए इनके लिए दवाओं व उपकरणों की खरीद की जा रही है। जो दवाएं आ गई हैं उन्हें प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक भी भिजवाया जा रहा है।

अब विशेषज्ञ चालू माह अगस्त के अंत में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार ने निर्धारित समय तक सारी तैयारियों को पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने इसके तहत प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक दवाओं व उपकरणों को पहुंचाने का काम भी शुरू कर दिया है। इस लहर का असर 18 वर्ष से कम आयुवर्ग में होने की आशंका के दृष्टिगत विभाग ने इस वर्ग को तीन श्रेणी में विभाजित किया है। पहली श्रेणी में नवजात से लेकर दो वर्ष, दूसरी श्रेणी में दो वर्ष से लेकर आठ वर्ष और तीसरी श्रेणी में आठ वर्ष से लेकर 18 वर्ष आयुवर्ग को शामिल किया गया है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काफी घातक साबित हुई थी। इस दौरान स्थिति यह हो गई थी कि अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए जगह ही नहीं बची। यहां तक कि आक्सीजन की खासी कमी देखने को मिली। जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति भी बेहद कम थी। शुरुआती दौर में दवाओं की कालाबाजारी भी हुई। एक समय ऐसा भी आया जब दवा बाजार में समाप्त हो गई थी। दवा की कमी के कारण भी कई मरीजों की मौत का अंदेशा जताया गया थी। यह बात अलग है कि इस बात को कभी अधिकारिक तौर पर स्वीकार नहीं किया गया।

 

 

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