दिल्ली में एक बार कोरोना का खतरा, एम्स में तेजी से बढ़ रहे है मौत के आंकड़े

कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में खूब कहर बरपाया। मुंबई के अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कोरोना का तांडव सबसे ज्यादा देखने को मिला। इस दौरान कोरोना से पीड़ित बहुत से लोगों की जान गई। 

नई दिल्ली : कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में खूब कहर बरपाया। मुंबई के अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कोरोना का तांडव सबसे ज्यादा देखने को मिला। इस दौरान कोरोना से पीड़ित बहुत से लोगों की जान गई।

आपको बता दें कि देश के सबसे बड़े चिकित्सीय संस्थान दिल्ली एम्स के बारें में कहा जाये तो इस अस्पताल में पिछले कुछ महीनों में ही मरीजों की मौत 59 प्रतिशत तक बढ़ चुकी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, नई दिल्ली में मौजूद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में साल 2018 के दौरान 187,051 मरीजों को भर्ती किया गया था जिनमें से 5384 मरीजों की मौत हुई। साल 2018 के दौरान इस अस्पताल में भर्ती 34 मरीजों में से किसी एक की मौत दर्ज हुई थी।

लेकिन साल 2019 के दौरान बढ़कर 37 तक पहुंच गई थी। उस दौरान 188160 मरीज भर्ती हुए और 4988 मरीजों की मौत हुई थी लेकिन जनवरी 2020 में कोरोना महामारी से संक्रमित पहला मरीज देश में मिलने के बाद मार्च 2020 में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी और एम्स में भर्ती मरीजों की मृत्युदर भी उसी रफ्तार से बढ़ी।  ना केवल एम्स बल्कि दिल्ली के सफदरजंग और आरएमएल अस्पताल भी ऐसे हैं, जहां मौत की संख्या में बढ़ोतरी हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि देश में एक बार फिर से कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है।

बताया जा रहा है कि अक्टूबर महीने में हर दिन 5 लाख केस दर्ज हो सकते हैं। लेकिन ये असर एक महीने देखने को मिलेगा और वक्त के साथ स्थिति सामान्य होते दिखेगी। वहीं, रिपोर्ट की माने तो तीसरी लहर का बच्चों ओर बड़ो दोनों पर समान रूप से असर देखने को मिलेगा। जिसको लेकर सरकार अभी से अलर्ट हो चुकी है।

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