अब गांवों में दवाईयों की होगी फ्री होम डिलीवरी, मिलेंगी सस्ती दवाएं

डाडसीबा। मौसम के बदलते ही बीमारियां भी बढ़ने लगती है। मरीज महंगी दवाई लेते-लेते परेशान हो जाते है। जिसको लेकर सरकार ने जन औषधि केंद्र खुलवाए थे। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र को शुरू करने का उद्देश्य ही यह था कि लोगों को मंहगी दवा की जगह उसी फार्मूले पर आधारित दवा को सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराया जाए। गरीब वर्ग जो महंगी दवा खरीद पाने में सक्षम नहीं था, उनके लिए ऐसे केंद्र खोले गए। दरअसल जन औषधि केंद्र में पहले ही 50 से 90 फीसदी तक दवाईयां सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं और क्षेत्र के लोग उसका फायदा भी उठा रहे हैं। लेकिन कई दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्र एेसे भी हैंं, जहां परिवहन सुविधा का अभाव है।

ऐसे में जो मरीज इस केन्द्र तक नहीं पहुंच सकते, वो अब फोन कॉल करके अपने घर पर ही दवाईयां पा सकेंगे। इसके लिए पराशर विशेष स्टाफ की भी नियुक्ति करने जा रहे हैं। केंद्र में पहुंचे मरीजों कुसुम लता, जागीर सिंह, संतोष देवी, प्यारे लाल, संदीप और राकेश ने बताया कि दवा खरीदने पर उन्हें बचत हुई, साथ मेें उन्होंने इन दवाईयों का उच्च गुणवता वाला भी पाया। इनमें से अधिकतर ने पराशर से आग्रह किया था कि अगर दवाईयां घर-द्वार पर ही मिल जाएं तो गरीब वर्ग की समय व धन की बचत भी होगी।

बाजार में जिन ओफ्लोक्सासिन ओरनिडाजोल के दस गोलियों का मूल्य 105 रुपये है इसे जन औषधि केंद्र पर मात्र 25 रुपये में लिया जा सकता है। पेट की गैस के लिए बाजार में 80 रुपये में मिलने वाले पेंटाप्रोजोल का जहां मूल्य मात्र 11 रुपये दस गोलियों का है। यकीनन ही यह सस्ती दवाएं हर वर्ग को न केवल महंगाई के दौर में आर्थिक राहत प्रदान करेगी बल्कि स्वस्थ भी कर रही हैं। दवाईयों की फ्री होम डिलीवरी से गरीब लोगों को दवाई खरीदने के लिए किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

परागपुर के जन औषधि केंद्र पर बुखार से लेकर हृदयरोग एवं सामान्य और गंभीर बीमारियों के लिए जेनेरिक दवाएं उपलब्ध हैं। ये दवाएं बाजार के अन्य दवा केंद्रों से 50-90 फीसद सस्ते मूल्यों पर चिकित्सक के परामर्श के बाद ले सकता है। उदाहरण के तौर पर अन्य दवा केंद्र पर दस गोलियों के एक पत्ते पर टेलमिसारटन एंड एमलोडीपाइन जैसी दवा बाजार में 100 रुपये में मिलेगी जन औषधि केंद्र पर मात्र 22 रुपये में प्राप्त की जा सकती है। इसी प्रकार से दर्द एवं बुखार के लिए एक्लोफेनेक एंड पेरासिटामोल टेबलेट्स जहां नौ रुपये में तो अन्य दवा केंद्रों पर 40 रुपये मेें मिलती हैं।

पराशर ने अब लोगों के इस आग्रह को स्वीकार करते हुए नई व्यवस्था बनाने का भी निर्णय लिया है। हालांकि इसके लिए पराशर को अतिरिक्त संसाधनों का प्रयोग करना पड़ेगा और अधिक स्टाफ भी रखना पड़ेगा, लेकिन कैप्टन संजय का साफ कहना था कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो सपना देखा है, वो शत-प्रतिशत गरीब जनता के हक में है। अगर उनकी वजह से जसवां-परागपुर क्षेत्र में यह सपना साकार होता दिख रहा है तो इसके लिए वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं। कहा कि स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी इस दिशा में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। पराशर ने बताया कि शीघ्र ही जसवां-परागपुर क्षेत्र में उनके द्वारा एक और जन औषधि केन्द्र खोलने की योजना है। कैप्टन संजय पराशर द्वारा जून यह केन्द्र इस वर्ष 14 जून से शुरू किया था। बेशक कैप्टन संजय पराशर ने पीएम नरेंद्र मोदी के उस सपने को धरातल पर उतारने का सार्थक प्रयास किया है और बड़ी बात यह है कि उन्होंने इन दवाईयों को गरीब व जरूरतमंद मरीजों तक पहुंचाने के लिए अगले माह से फ्री हाेम डिलीवरी करने की भी घोषणा कर दी है।

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