दवाओं की बेकद्री – पहले एक्सपायर, फिर कूड़ेदान में जा रही लाखों की दवा

झारखंड (गढ़वा)
अनुमंडलीय अस्पताल में प्रत्येक वर्ष लाखों रुपये की दवा एक्सपायर होती है इस बार अनुमंडलीय अस्पताल में एक्सपायरी दवा फेंके जाने का मामला भी सामने आया है। विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई लाखों रुपये की स्लाइन की बोतल तथा मलेरिया की दवा अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण अस्पताल में बने पीट में डाल दिया गया। विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई डी फाइव तथा एनएस की सैंकड़ों बोतल स्लाइन फरवरी माह में एक्सपायर हो जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन के निर्देश पर अस्पताल के पीछे बने पीट्स में डाल कर छुपा दी गई।
अस्पताल में बना पीट प्रसव के दौरान निकलने वाले प्रेसेंटेक्सा को फेके जाने के लिए बनाया गया है। एक्सपायर दवा को वहां इसलिए फेंका गया, ताकि आम लोगों की नजर नहीं पड़ सके।  एक्सपायर दवा को फेंके जाने के संबंध में अस्पताल कर्मियों से जानने का जब प्रयास किया गया, तो किसी ने इस संबंध में कुछ भी नहीं बताया यदि उक्त पीट में देखा जाये तो मलेरिया जोन होने के बावजूद मलेरिया का प्रेमाक्वीन तथा विगत वर्ष भी अनुमंडलीय अस्पताल में किशोरियों को दिया जाने वाला आयरन की एक लाख गोली एक्सपायर थी, जिसका अनुमानित मूल्य 30 लाख रुपये बताया गया था। मामला प्रकाश में आने के बाद अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध कार्रवाई के बजाय अधिकारी उन्हें बचाने का प्रयास किया था। इस संबंध में पूछे जाने पर जिले के सिविल सर्जन ने कहा कि इस तरह की जानकारी नहीं थी। अब मिला है, दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।
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