नई दवा डेलामेनेट से होगा अब टीबी रोगियों का इलाज

टीबी एक घातक बीमारी या यूं कहें कि लाइलाज बीमारी है। जो जल्दी ठीक नहीं होती है। प्रचलित दवाओं से टीबी रोग कम तो हो रहा था, लेकिन पूरी तरह सफलता नहीं मिल पा रही थी, लेकिन नई दवा डेलामेनेट टीबी रोग का समूल नाश करने की ताकत रखती है।

बुलंदशहर। टीबी एक घातक बीमारी या यूं कहें कि लाइलाज बीमारी है। जो जल्दी ठीक नहीं होती है। प्रचलित दवाओं से टीबी रोग कम तो हो रहा था, लेकिन पूरी तरह सफलता नहीं मिल पा रही थी, लेकिन नई दवा डेलामेनेट टीबी रोग का समूल नाश करने की ताकत रखती है। अब इसी दवा से टीबी रोगियों का इलाज होगा।

हालांकि फिलहाल यह दवा अभी एक्सडीआर मरीजों को दी जा रही है। सरकार ने 2025 तक टीबी मुक्त भारत करने के लिए समय निर्धारित किया है। इसके तहत समय-समय पर नई दवाओं और जांच सुविधाओं को बढ़ाकर निशुल्क इलाज दिया जा रहा है। जिले में टीबी के करीब छह हजार से अधिक मरीज हैं। इसमें एमडीआर (मल्टी ड्रग रजिस्टेंस) और एक्सडीआर से ग्रसित बच्चे, किशोर, युवा और बुजुर्ग मरीज शामिल हैं।

हालांकि जिले में एक्सडीआर के सिर्फ दो मरीज हैं। इनमें एक मरीज गुलावठी और दूसरा शिकारपुर का रहने वाला है। अब इन मरीजों का इलाज टीबी रोग को जड़ से खत्म करने के लिए लांच की गई नई दवा डेलामेनेट से किया जा रहा है। यह दवा जिले में करीब 20 दिन पहले ही पहुंची है। इस दवा से टीबी हारेगा।

 

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