फर्जी दवा दुकानों के साथ औषधि निरीक्षक और औषधि अनुज्ञापन अधिकारी की बढ़ी मुसीबत!

जिले भर में कई दवा की दुकानें फर्जी तरीके से चल रही है। अब इन फर्जी दवा दुकानों के साथ -साथ अधिकारीयों की मुश्किलें बढ़ने वाली है। बता दें कि फर्जी दवा दुकानदारों के साथ ही औषधि निरीक्षक और औषधि अनुज्ञापन अधिकारी की मुसीबत बढ़ने वाली है।

महराजगंज। जिले भर में कई दवा की दुकानें फर्जी तरीके से चल रही है। अब इन फर्जी दवा दुकानों के साथ -साथ अधिकारीयों की मुश्किलें बढ़ने वाली है। बता दें कि फर्जी दवा दुकानदारों के साथ ही औषधि निरीक्षक और औषधि अनुज्ञापन अधिकारी की मुसीबत बढ़ने वाली है। डीएम के निर्देश पर एडीएम पंकज वर्मा ने दवा दुकानों को लाइसेंस जारी करने, दुकानों के रिकार्ड, औषधि निरीक्षक की कार्यप्रणाली आदि की मजिस्ट्रीयल जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। बताया जा रहा है कि विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से फार्मासिस्ट का आधार नंबर और दुकान को ऑनलाइन नहीं किया जा रहा है। जिले में करीब 800 ऐसी दवा दुकानें हैं जो विभाग के रहमो करम पर चल रही हैं। इसमें विभागीय अधिकारियों को भी लाभ है।

जांच के बाद मामले को मैनेज कर लिया जाता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीएम ने मामले की जांच के लिए तीन अधिकारियों की टीम गठित कर दी है। इसमें ज्वाइंट मजिस्टे्रट/एसडीएम सदर, अतिरिक्त उप जिला मजिस्टे्रट व अभिहित अधिकारी खाद्य औषधि को जांच सौंपी गई है। टीम जांच पूरी कर 30 अक्तूबर तक जांच रिपोर्ट एडीएम को देगी। फार्मासिस्ट संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष सिंह ने का कहना है कि जांच सही व निष्पक्ष हो तो इसमें बड़ा फर्जीवाड़ा का खुलासा सामने आ सकता है।भारतीय किसान यूनियन अम्बावत के प्रदेश संगठन मंत्री नीरज कुमार मिश्रा ने डीएम को शिकायत पत्र देकर बताया था कि जिले में भारी संख्या में गलत तरीके से दवा दुकानों को लाइसेंस जारी किया गया है।

इसमें एक ही फार्मासिस्ट की डिग्री का कई लोगों द्वारा इस्तेमाल किया गया है। हाल ही में एसडीएम ने बड़े पैमाने पर जनपद में एक आरोपी के कब्जे से अवैध नशीली दवाओं का जखीरा बरामद किया था। उस व्यक्ति को दो साल पहले भी ड्रग विभाग ने लाइसेंस जारी किया था। उस समय भी भारी संख्या में नशीली दवा मिली थी। जिसपर जिसपर उसके लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया था। लेकिन विभाग ने ड्रग कास्मेटिक एक्ट का उलंघन करते हुए उसी व्यक्ति के नाम से उसी कमरे में मेडिकल स्टोर चलाने के लिए लाइसेंस जारी कर दिया। ज्वाइंट मजिस्टे्रट/एसडीएम सदर, अतिरिक्त उप जिला मजिस्टे्रट व अभिहित अधिकारी खाद्य औषधि को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। टीम जांच पूरी कर 30 अक्तूबर तक जांच रिपोर्ट एडीएम को देगी। जांच के बाद बड़ा फर्जीवाड़ा का खुलासा सामने आ सकता है।

 

 

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