अध्ययन से फार्मा क्षेत्र में बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा, होगी दवा कीमतों में कमी

नयी दिल्ली : नियामक देश के दवा उद्योग में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के उपायों की पहचान कर रहा है. इसकी जानकारी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के प्रमुख अशोक कुमार गुप्ता ने दी.
सीसीआई ने ‘‘प्रभावी उपभोक्ता विकल्प’’ की कमी जैसे मुद्दों के मद्देनजर दवा क्षेत्र का अध्ययन शुरू किया. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को एक महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद है.
सीसीआई अनुचित बाजार व्यवहार पर नजर रखता है और सभी क्षेत्रों में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है. उन्होंने आगे बताया कि इस कवायद से किफायती दवा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी, जो लोगों की पहुंच में होगी.
गुप्ता ने कहा कि प्रतिस्पर्धा आयोग देश के दवा क्षेत्र पर अपना अध्ययन पूरा करने के करीब है और इसके एक महीने के भीतर समाप्त होने की उम्मीद है.
दवाओं के मामले में प्रतिस्पर्धा मुख्य रूप से ब्रांडों के आधार पर होती है, न कि कीमतों पर. अध्ययन किफायती दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के उपायों की पहचान करेगा.
उन्होंने कहा कि अध्ययन के नतीजों का विश्लेषण करने के बाद सीसीआई इस क्षेत्र में विभिन्न पहलुओं पर ऐसे उपाय करने की योजना बना रहा है, जो बाजार की स्थिति में सुधार कर सकते हैं.

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