दवाओं के साइड इफेक्ट से HIV मरीजों के जीवन पर संकट

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नई दिल्ली : एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि दवाओं से होने वाले साइड इफेक्ट से एचआईवी मरीजों के जीवन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. HIV मरीजों में बुखार, अधिक नींद आना, चक्कर आना, उल्टी-दस्त, भूख नहीं लगना, सिर-दर्द पेट से संबंधित और थकान जैसे साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं.

एसएमएस अस्पताल के एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) सेंटर पर वर्ष-2019 में आने वाले 525 मरीजों के एडीआर पैटर्न का अध्ययन के दौरान यह खुलासा हुआ. इस वायरस के साथ जीने वाले 25 फीसदी मरीजों में टीबी भी मिला है. HIV से ग्रसित मरीजों में 21 से 40 साल तक की उम्र वाले पुरुष अधिक पाए गए. यह शोध कार्य डॉ. लोकेंद्र शर्मा के अधीन डॉ. चारू जैन ने किया है.

एसएमएस हॉस्पिटल के एआऱटी सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि मरीजों को दी जाने वाली टीनोफोविर, लेमिवुडीन तथा इफाविरेंज दवाओं से नींद, चक्कर आना और भूख नहीं लगना जैसे साइड इफेक्ट देखने को मिल हैं. इफाविरेंज की जगह अब डोल्यूटिग्रावीर दवा दे रहे हैं

HIV सिंड्रोम के मरीजों को टीनोफोविर, लेमिवुडीन और इफाविरेंज दवाओं से अधिक साइड इफेक्ट के साथ और भी गंभीर साइड इफेक्ट देखने को मिल रहा है, गंभीर हालत होने पर उनकी दवाएं बंद करनी पड़ रही है.

शोध के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि ऐसे मरीज भी मिले जिन्हें चकते, एनीमिया (खून की कमी), लीवर व गुर्दे भी प्रभावित हुए हैं. शरीर पर चकते इंफाविरेंज से साइड इफेक्ट के चलते हो रहे हैं.

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