उम्मीद, 2022 में फार्मा सेक्टर में बनी रहेगी वृद्धि की रफ्तार

ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड
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नई दिल्ली : कोरोना के चुनौतीपूर्ण दौर में भारत के फार्मा सेक्टर ने टीके की वैश्विक जरूरतों में से 60 फीसदी की आपूर्ति पूरी की. इससे भारतीय दवा एवं स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े उद्योग ने दुनिया उसकी ताकत को दिखाया है.

अब यह उद्योग बीते दो वर्ष के अनुभव के आधार पर सरकार के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने और 2022 में भी रफ्तार को कायम रखने के लिए प्रयासरत है.

दवा क्षेत्र का प्रदर्शन 2022 में अच्छा रहने की उम्मीद है. यह अगले दो वर्ष में 11 फीसदी की दर के साथ बढ़ सकता है तथा बाजार का आकार 60 अरब डॉलर से अधिक हो सकता है.

भारत की दवा कंपनियों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ फार्मास्युटिकल प्रोड्यूसर्स ऑफ इंडिया (ओपीपीआई) के महानिदेशक के जी अनंतकृष्णन ने कहा, वैश्विक महामारी के दौरान जो फायदा हुआ है, उसे बनाए रखना उद्योग के लिए आवश्यक है.

उन्होंने कहा, उद्योग की नियामक आवश्यकताओं को वैश्विक मानकों के अनुरुप बनाना 2022 और उसके बाद भी वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण चरण होगा.

सन फार्मा में मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत में कारोबार) कीर्ति गानोरकर ने घरेलू दवा कंपनियों के लिए परेशानियों का जिक्र किया.

उन्होंने कहा कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव, ब्याज दर संबंधी अनिश्चितता, कच्चे माल की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि और परिवहन लागत कुछ प्रमुख चुनौतियां रही हैं.

दुनिया ने भारतीय स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र की संभावनाओं को पहचाना है और 2022 में यहां अधिक निवेश आएगा जिससे रोजगार बढ़ेगा और कारोबार में वृद्धि भी होगी.

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