ओमिक्रॉन संक्रमण के बढ़ते मामले, ऐसे करें बचाव

नई दिल्ली : भारत में वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप से संक्रमण के कारण कोविड के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, ऐसे में मास्क, टीकाकरण, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे निवारक उपायों को बढ़ाने और आत्मसंतुष्ट न होने की तत्काल जरूरत है.

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के ताजा दिशानिर्देश के मुताबिक, जो सावधानियां और कदम उठाए जाने हैं, वे पहले की तरह ही रहेंगे.

दिशानिर्देश में कहा गया है, अपने चेहरे पर ठीक से मास्क लगाना आवश्यक है, टीकों की दोनों खुराक लें (यदि अभी तक टीकाकरण नहीं किया गया है), शारीरिक दूरी बनाए रखें और जहां तक संभव हो, अच्छा वेंटिलेशन बनाए रखें.
इस बीच, केंद्र ने राज्यों को लोगों में बुखार और गले में खराश जैसे लक्षण दिखने पर ओमिक्रॉन का इलाज करने की सलाह दी है.

राज्य सरकारों को लिखे पत्र में कहा गया है, किसी भी व्यक्ति में खांसी, सिरदर्द, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ, शरीर में दर्द या अन्य लक्षण हों, मगर बुखार नहीं हो, तब भी इसे कोविड-19 का संदिग्ध मामला माना जाना चाहिए, जब तक कि पुष्टि न हो जाए.

केंद्र ने राज्यों को आरटी-पीसीआर परीक्षणों के परिणाम में देरी होने पर रैपिड एंटीजन टेस्ट या आरएटी के लिए जाने की भी सलाह दी.

इस बीच, दिल्ली सरकार द्वारा संचालित लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि मल्टी-विटामिन और पैरासिटामोल ओमिक्रॉन रोगियों को दिया जाने वाला एकमात्र उपचार है.

ओमिक्रॉन की आक्रामक क्षमता को देखते हुए देश में 10 जनवरी से स्वास्थ्य देखभाल/फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के साथ-साथ बुजुर्ग आबादी (60 से अधिक आयुवर्ग) को ‘एहतियाती खुराक’ दी जाएगी.

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