कैग की नजर में हिमाचल,स्वास्थ्य प्रशासन अस्वस्थ

हिमाचल

हिमाचल सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से लेकर पीएचसी एवं  लैब तक की व्यवस्था को सार्वजनिक कर सरकार की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा कर दिया गा। स्वास्थ्य क्षेत्र की उन्नति हेतु पास बजट में से वर्ष 2015-2016 की समाप्ति पर 152.42 करोड़ रुपए सरेंडर कर दिए जबकि 127.20 करोड़ रुपए ही उपयोग हो सके। 200 बेड का अस्पताल हो तो 10 चिकित्सकों की जरूरत रहेगी, 5000 की आबादी पर एक हेल्थ सब सेंटर 30,000 की आबादी पर एक पी.एच.सी. 1,20,000 की आबादी पर एक सामुदायिक केंद्र पर भी सरकार ज्यादा कामयाबी हासिल नहीं कर पाई। 500 अस्पतालोंं पर पी.एच.सी., सी.एच.सी. मेंं से 166 में भी कोल्ड चेन सुविधा पूर्ण रूप से नहीं मिली। तमाम सरकारी अस्पताल और पब्लिक हेल्थ सेंटर में शिशु जन्म एवं मृत्यु के आंकड़े अधूरे कालम देखने को मिले।
ऐसे में सरकार की आमजन के स्वास्थ्य के प्रति चेतन शीलता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। इस बारे में राज्य स्वास्थ्य मंत्री को उनके मोबाइल पर कई बार संपर्क किया लेकिन असुविधा हाथ लगी।
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