ऐसे करें असली और नकली मक्खन में पहचान, बढ़ रही हैं कैंसर-डायब‍िटीज जैसी बीमारियों

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मक्खन खाना क्या स्वास्थय को लिए हानिकारक है? आईये जानते है विशेशज्ञ से ! विशेषज्ञों का कहना हैं कि मक्खन सेहत के लिए कुछ खास फायदेमंद नहीं होता है, साथ कहा कि अगर इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए, तो कोई नुकसान भी नहीं होता है.

आज के समय में लोग इतनें बिजी होते जा रहे हैं कि वहीं पूराना ब्रेक फास्ट टोस्ट पर जैम और मक्खन लगाकर खाते हैं. लेकिन लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि वे धीरे-धीरे अपने आप को कई गंभीर बीमामरियों से ग्रसित होते जा रहे हैं.

बता दें कि आजकल बाजारों में मक्खन के नाम पर मार्जरीन धड़ल्ले से बिक रहा हैं. मार्जरीन मक्‍खन की तरह दिखने वाला डेयरी उत्‍पाद है जो पशुओं के दूध से बनाने की जगह जटिल प्रक्रियाओं के माध्‍यम से एक तरह का निर्मित विकल्‍प है. विशेषज्ञों की मानें, तो मार्जरीन सेहत के ल‍िए काफी नुकसानदायक है. इसे खाने से कैंसर-डायब‍िटीज जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती हैं.

असली नकली मक्खन में पहचान
अगर आप भी मक्‍खन खाने के शौकीन हैं, तो आपको असली और नकली मक्‍खन के बीच अंतर करना आना चाह‍िए. इस लेख में जानेंगे क‍ि असली नकली मक्खन की पहचान कैसे करें.
मक्खन में सैचुरेटेड फैट होता है. एक चम्मच में लगभग 7 ग्राम वसा होती है. इसका ज्यादा सेवन करने से आपका LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है.
बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल एथेरोस्क्लेरोसिस को बढ़ा सकता है और रक्त के थक्कों, स्ट्रोक और दिल के दौरे के खतरे को बढ़ा सकता है. नकली मक्‍खन खाने से इन समस्‍याओं का खतरा बढ़ जाता हैं.

ऐसे बढ़ सकता है. LDL
मक्खन कोलेस्ट्रॉल से एलडीएल बढ़ सकता है. बता दें कि इसमें सैचुरेटेड फैट होता है जो दिल के लिए खतरनाक होता है.
इसके अधिक सेवन से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है. कोलेस्ट्रॉल धमनियों को अवरुद्ध कर सकता है, जिससे निश्चित रूप से दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.
शोध से पता चलता है कि बहुत अधिक मक्खन खाने से आंत में वसा विकसित होने की संभावना बढ़ सकती है. इससे आपके पेट में अतिरिक्त चर्बी जमा हो सकती है. इससे हृदय रोग, अल्जाइमर और टाइप 1 मधुमेह समेत कई गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है.

मक्खन में प्रति चम्मच 100 से अधिक कैलोरी होती है. जब आप बहुत अधिक खाते हैं, तो तेजी से मोटापा बढ़ सकता है. मक्खन आपके लिए असली या नकली दोनों तरह से खतरनाक है.

हाल ही में हुई अल्जाइमर रिसर्च मेडिकल जर्नल में 2018 के एक अध्ययन के अनुसार, मक्खन जैसे संतृप्त वसा के उच्च सेवन को अल्जाइमर रोग और मनोभ्रंश के विकास की संभावना से जोड़ा जा सकता है.

मार्जरीन आपके पेट को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है और दस्त और उल्टी का कारण भी बन सकता है. दो पारदर्शी कटोरियों में पानी भरें.

दोनों में आधा चम्मच मक्खन डालें। इसके बाद आयोडीन के घोल की दो से तीन बूंदें कटोरे में डालें. ऐसा करने से असली मक्खन का रंग नहीं बदलेगा, बल्कि मार्जरीन के पानी का रंग नीला हो जाएगा.

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