रोहतक पीजीआई के मरीजों को राहत,अब नहीं लगाने पड़ेंगे दिल्ली के चक्कर, शुरू होगी ये सेवा

किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होगा रोहतक पीजीआई में

चंडीगढ़। अपने करीबियों को किडनी और अन्य अंग ट्रांसप्लांट कराने के लिए दिल्ली और चंडीगढ़ पीजीआई में धक्के खाने वाले परिवारों के लिए राहत भरी खबर है। अब रोहतक पीजीआई में ही किडनी ट्रांसप्लांट का काम इसी साल से हो सकेगा। वैसे, अंग प्रत्यर्पण को लेकर हरियाणा विधानसभा में भी बिल लाया जाएगा, जिस पर सदन की मुहर लग जाएगी।

किडनी हरियाणा में फिलहाल तक किसी भी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं थी और इसके चलते मरीजों को दूसरे राज्यों या प्रदेश की राजधानी यूटी चंडीगढ़ धक्के खाने पड़ते हैं। इसके कारण खासी परेशानी होती है और खासे पैसे खर्च करने पड़ते हैं। लेकिन किडनी ट्रांसप्लांट के लिए दूसरे राज्यों के धक्के खा रहे मरीजों और उनके परिजनों के लिए राहत वाली खबर यह है कि सरकार ने इस साल से पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआईएमएस) रोहतक में किडनी ट्रांसप्लांट की मेडिकल फैसिलिटी को शुरू करने का फैसला किया है।

सरकार की तरफ से कहा गया है कि पीजीआई ने अंग प्रत्यारोपण की मेडिकल सुविधा करने का चैलेंज लिया है और उम्मीद है कि ये 2022-23 यानी कि इसी साल ये सुविधा संचालित होगी। इसके चलते प्रदेश के मरीजों को खासा फायदा होगा। हालांकि पीजीआई में ट्रांसप्लांट शुरू करने की चर्चा काफी लंबे समय से चल रही है, तो ऐसे में अमली जामा पहनाने की इसी साल पूरी संभावना है।

गत वर्ष नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (नोटो) से आरटीआई के जवाब में बताया कि हरियाणा से कितने लोगों के आवेदन किसी भी तरह के आर्गन ट्रांसप्लांट के लिए आए हैं। इसमें खुलासा हुआ था कि करीब 15 सौ से ज्यादा मरीजों ने किडनी, लीवर या अन्य किसी भी तरह के अंग के लिए प्रत्यारोपण के लिए आवेदन किया था। इनमें कोर्निया, हार्ट ,फेफड़ों के ट्रांसप्लांट के लिए भी मरीजों के आवेदन थे। वहीं कुछ मरीज ऐसे भी हैं, जिनको एक साथ एक से ज्यादा अंग का प्रत्यारोपण होना है। उपरोक्त आंकड़े पिछले साल के मध्य का है, तो अब वाजिब की प्रदेश में ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं होने के चलते ट्रांसप्लांट के आवेदकों की संख्या भी बढ़नी स्वाभाविक है।
मरीज किडनी ट्रांसप्लांट की बाट जो रहे हैं, उनका अनुमानित आंकड़ा 1100 से ज्यादा माना जा रहा है। किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं होने के चलते आंकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है। आरटीआई से मिली जानकारी अनुसार जो कि नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (नोटो) द्वारा मुहैया कराई गई थी, किडनी ट्रांसप्लांट के लिए आवेदकों की संख्या सबसे ज्यादा है। पीजीआई में नई सुविधा के शुरू होने के बाद ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे मरीजों को काफी राहत मिलेगी।

किडनी ट्रांसप्लांट की फैसिलिटी के अभाव में प्रदेश के मरीजों को चंडीगढ़ स्थित पीजीआई की रूख करना पड़ता है। लेकिन वहां वेटिंग इतनी लंबी होती है कि कई बार तो ट्रांसप्लांट के इंतजार में मरीज की जिंदगी चली जाती है। पीजीआई में किडनी ट्रांसप्लांट की बाट जो रहे मरीजों की संख्या अनुमानित तौर पर करीब 2589 है। हरियाणा के 417 मरीज किडनी ट्रांसप्लांट की वेटिंग में हैं। इसके अलावा पीजीआई चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा वेटिंग कॉर्निया ट्रांसप्लांट की है, जो कि करीब 3 हजार के आसपास है। प्रदेश के मरीजों को ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली भी जाना पड़ता है। हरियाणा के मरीज दिल्ली के एम्स समेत कई अस्पतालों का रुख करते हैं लेकिन बता दें कि वहां भी कई महीने की वेटिंग है।

वहीं दूसरी तरफ ये भी बता दें कि जो लोग किडनी फेल्योर की प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं, उनको डायलिसिस करवाना पड़ता है जिसमें मरीज को गंभीर स्थिति में सप्ताह में दो बार तो आम तौर पर सप्ताह में एक बार डायलिसिस कराना पड़ता है। इस पर हर महीने करीब 3 से 4 हजार का खर्च आता है जो आर्थिक रूप से कमजोर तबके के मरीजों के लिए वहन करना आसान नहीं है।

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