हडक़ंप – हर महीने 5 गर्भवती महिलाओं की मौत

स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों पर उठी उंगलिया, इलाज में लापरवाही, शहरी क्षेत्रों स्थिति ज्यादा खराब

सतना(मध्य प्रदेश)
स्वास्थ्य सूचकांकों को बेहतर बनाने के लिए प्रयास खूब किए जा रहे हैं, बावजूद इसके स्थिति भयानक होती जा रही है, खासकर गर्भवती महिलाओं की मौत के मामले में सभी कोशिश नाकाम साबित हो रही है। गर्भवती को इलाज तक नसीब नहीं हो पा रहा है। इसके चलते हर छठवें दिन एक गर्भवती काल के गाल में समा रही है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट (अप्रैल 15 से जनवरी 16) में मौतों का खुलासा हुआ है। हर माह पांच गर्भवती महिलाओं की मौत हो रही है। हकीकत सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हडक़ंप मचा हुआ है। जिस किसी अधिकारी से इस बारे में पूछा जाता है, तो वह टाल-मटोल और एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगता है।

स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार मातृ-मृत्यु दर को कम करने के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, लेकिन विभाग की रिपोर्ट ही हकीकत से पर्दा उठा रही है। गर्भवती महिलाओं की मौत के मामले में सतना स्वास्थ्य संभाग में अव्वल है। सीधी, सिंगरौली से भी बदतर स्थिति सतना की सामने आई है। हर माह पांच मौत-सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाओं की मौत सतना में हो रही है। पिछले दस माह (अप्रैल 15 से जनवरी 16 तक)में 43 महिलाओं की मौत दर्ज की गई। सबसे ज्यादा मौत शहरी क्षेत्र में दर्ज की गई, हालांकि इनमें ग्रामीण क्षेत्रों से रेफर किए गए मामले सबसे ज्यादा हैं। इसके बाद रामपुर बाघेलान और चित्रकूट क्षेत्र में एक दर्जन महिलाओं की मौत हुई।

समय पर नहीं मिलता उपचार
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट सामने आने के बाद संचालनालय ने मामले को गंभीरता से लिया है। संचालक ने माना कि गर्भवती महिलाओं की मौत की बड़ी वजह समय पर उपचार नहीं मिलने से हो रही है। इसमें शीघ्र सुधार के सख्त निर्देश दिए गए हैं। लापरवाही बरतने वालों से सख्ती से पेश आया जाएगा।

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