राजस्थान औषधि नियंत्रण संगठन ने एक्सपायर होने के बाद जारी किया बीमारी का फरमान

जयपुर (कैलाश शर्मा)। राजस्थान औषधि नियंत्रण संगठन का ऐसा कारनामा सामने आया है कि आप भी चौंक जायेंगे। राजस्थान औषधि नियंत्रण संगठन ने “मौत के बाद जारी किया, बीमारी का फरमान” को पुनः दोहराया है। इसमें औषधि नियंत्रण संगठन ने दवाओं के एक्सपायर हो जाने के बाद उनको गुणवत्ताविहीन बताया है। औषधि नियंत्रण संगठन ने एक दवा को एक्सपायर होने के 9 माह बाद, एक को 21 माह बाद, दो को एक माह बाद, तथा 22 दवाओं को अंतिम क्षणों में गुणवत्ता विहीन बताया है। बता दें संगठन का अदभुत कारनामा मेडिकेयर न्यूज़ ने पूर्व में भी प्रमुखता से प्रकाशित किया था, क्योंकि मेडिकेयर न्यूज़ छापता है छिपाता नहीं।

राजस्थान औषधि नियंत्रण संगठन ने दिनांक 04/03/2022 को एक बुलेटिन नंबर DC/बुलेटिन/2022/388 जारी किया जिसमें गुणवत्ता विहीन दवाओं की सूची जारी की है। जिसमे सीरियल नंबर 4 व 5 पर CPM , ammonium chloride, sodium citrate and menthol सिरप जिसका बैच नंबर KL-20/272 , व KL-20/279 , अवसान तिथि 02/2022 अंकित है। इस का निर्माण M/s Kaysons pharma,1 vigyan nagar, sarna dungar, indl area Jaipur (rajasthan) द्वारा किया गया है। ये दोनों दवा फरवरी 2022 में ही एक्सपायर हो चुकी है। उसके एक माह बाद 4 मार्च 2022 को राजस्थान औषधि नियंत्रण संगठन द्वारा उपरोक्त दोनो गुणवत्ता विहीन दवाओं का फरमान जारी किया।
इसी प्रकार सीरियल नंबर 9 पर अंकित दवा का Anti-b(monoclonal 1gm) merisera(monoclonal 1gm) for blood typing,10 ml vial बैच नंबर MI072002 अवसान तिथि जून 2021 अंकित है, तथा इस दवा का निर्माण M/S Meril diagnostics pvt ltd. Second floor,D1-D3, meril park , survey no 135/2/B ,and 174/2, muktanand marg , Chala , Vapi -396191 Gujarat ने किया है।

उपरोक्त दवा जून 2021 में ही एक्सपायर हो गई, उसके 9 माह बाद राजस्थान औषधि नियंत्रण संगठन ने उक्त दवा को गुणवत्ता विहीन का फरमान जारी किया। ये मामला अभी रुका नही है, राजस्थान औषधि नियंत्रण संगठन ने 16 मार्च 2022 को एक बुलेटिन नंबर DC/bulletin/2022/457 जारी किया जिसमें दवाओं की सूची जारी की। सूची मे सीरियल नंबर 2,3,4,5 ,6 पर cpm maleate,ammounium chloride,sodium citrate & menthol cough syp जिसका बैच नंबर LD0016A, LD0018A, LD0012A, LD0015A, LD0017A अवसान तिथि 03/2022 अंकित है। इस का निर्माण M/S NAVKAR LIFESCIENCES. PLOT NO 76, LODHI MAJRA ,INDUSTRIAL AREA, BADDI DISTT SOLAN (H.P.) द्वारा किया गया है।
सीरियल नंबर 7 ,8 , 9 , 10, 11,12,13,14,15,16,17,18,19,20,21 पर cpm maleate,ammounium chloride,sodium citrate & menthol cough syp जिसका बैच नंबर KL-20/375 ,KL-20/374, KL-20/317 ,KL-20/303 ,KL-20/302 ,KL-20/315 ,KL-20/384 ,KL20/383 ,KL-20/382 ,KL/20/381, KL/20/380 ,KL-20/379 ,KL-20/355 ,KL-20/364 , KL-20/363 अवसान तिथि 03/2022 अंकित है। इस का निर्माण M/S KAYSONS PHARMA 1,VIGYAN NAGAR,SARNA DUNGAR INDUSTRIAL AREA ,JAIPUR 302012 (RAJ.) द्वारा किया गया है।
सीरियल नंबर 22 , 23 पर LIQUIED PARAFFIN I.P. 500 ML जिसका बैच नंबर 44 , 47 अवसान तिथि 03/2022 अंकित है। इस का निर्माण M/S SOFTEX SURGICAL COTTON .6B INDUSTRIAL AREA ,KALA AMB, DISTT SIRMOUR (H.P.-173030 ) द्वारा किया गया है।

उपरोक्त दवाइयां मार्च 2022 में मृत्यु को प्राप्त होनी है उस से पूर्व औषधि नियंत्रण संगठन कुम्भकर्णी नींद से जग गया ओर दवाओं के मृत्यु(अवसान) के अंतिम समय मे बीमारी (not of standard quality) का फरमान जारी करके अपनी सक्रियता को दर्शाने का प्रयास किया।
एक ओर दवा सीरियल नंबर 27 पर अंकित जिसका बैच नंबर 49045 अवसान तिथि जुलाई 2020 अंकित है का निर्माण M/S Hester biosciences limited, mehsana Gujarat द्वारा किया गया है। इस दवा की एक्सपायरी हुए 21 माह बीत चुके है और राजस्थान औषधि नियंत्रण संगठन ने अपनी सक्रियता दिखाते हुए 21 माह बाद 16 मार्च 2022 को उपरोक्त दवा की बीमारी (not of standard quality) का फरमान जारी कर आपनी सक्रियता साबित कर दी है।
राजस्थान औषधि नियंत्रण संगठन ने बुलेटिन ने प्रदेश के सभी औषधि नियन्त्रण अधिकारियों को निर्देश दिया है कि उपरोक्त सभी दवाओं (not of standard quality) को मार्किट में उपलब्ध स्टॉक बिक्री से रोके तथा उपरोक्त दवाओं का इस्तेमाल न हो। अब औषधि नियंत्रण संघठन को कौन समझाए कि जो दवा 21 माह पूर्व, 9 माह पूर्व, 1 माह पूर्व, ही एक्सपायर हो चुकी है उसका कौन मरीज इस्तेमाल करेगा और कौन दवा विक्रेता उस दवा को बेचेगा ।
दवा की एक्सपायरी डेट के बाद कोई भी दवा विक्रेता नही बेचता है तथा एक्सपायरी डेट के बाद दवा विक्रेता उक्त दवा को संबंधित स्टॉकिस्ट/कंपनी को वापस भेज देता है। अधिकतर दवाओं का तो एक्सपायरी डेट से पूर्व ही मरीज तक पहुँच जाती है और उसका इस्तेमाल मरीज द्वारा कर लिया जाता है ।
औषधि नियंत्रण संगठन द्वारा, एक्सपायरी डेट के बाद ऐसे बुलेटिन जारी कर औषधि नियंत्रण संगठन अपनी सक्रियता जताना चाहता है मगर असलियत ये है कि औषधि नियंत्रण संघठन कुम्भकर्णी नींद सो रहा है अथवा जान बूझकर दवा कंपनियों से मिलीभगत कर जानबूझकर दवा की एक्सपायरी डेट के बाद उस दवा को गुणवत्ताविहीन घोषित किया जाता है।

औषधि नियंत्रण संगठन की कुम्भकर्णी नींद/मिलीभगत का खामियाजा आम जनता को ही भुगतना पड़ता है। भुगतना पड़ रहा है ओर भविष्य में भी भुगतना पड़ेगा। जिस मरीज ने उपरोक्त गुणवत्ता विहीन दवाओं का इस्तेमाल किया होगा, क्या उसे उस बीमारी से निजात मिला होगा? जिस बीमारी के लिए उस दवा का इस्तेमाल किया गया। नही ..? क्योंकि उसने जिस दवा को बीमारी का इलाज समझकर लिया उस से बीमारी तो ठीक नही हुई होगी परंतु उस मरीज के गुणवत्ता विहीन की दवा खाने से उस दवा निर्माता की माली हालत की क्वालिटी में जरूर सुधार हुआ होगा ।

आखिर कब तक औषधि नियंत्रण संगठन की कुम्भकर्णी नींद सोता रहेगा और आम जनता के स्वास्थ्य के साथ ऐसी दवा निर्माता कंपनियां खिलवाड़ करती रहेगी। ये तो नही कहा जा सकता परंतु उपरोक्त पूरे प्रकरण में मिलीभगत से नकारा नही जा सकता।

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