भ्रामक विज्ञापनों पर सख्ती का असर : 13 ने वापस लिए ऐड, तीन कंपनियों पर लगा जुर्माना

A new study finds that drug prices can vary dramatically in the developing world, especially as a country moves up the economic ladder.

नई दिल्ली :  भ्रामक विज्ञापनों पर सख्ती का असर दिखा है। केंद्र सरकार ने संसद में बताया है कि 13 कंपनियों ने उनके भ्रामक विज्ञापन बंद किए हैं। इसके अलावा तीन कंपनियों ने अपने विज्ञापन के कंटेंट को सुधारने की बात कही है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने संसद में एक लिखित सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।

केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य और जन वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बताया कि सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटक्शन अथॉरिटी ने तीन कंपनियों पर जुर्माना भी लगाया है। उन्होंने बताया कि हाल ही में कंपनियों को को कहा गया था कि वह ऐसे उत्पाद जो बी आई एस स्टैंडर्ड से प्रमाणित नहीं है उनके प्रति ग्राहकों को जागरूक करने के पर्याप्त उपाय करें।

बता दें कि भारत में प्राइवेट सेटेलाइट चैनलों पर प्रसारित होने वाले विज्ञापनों के लिए केबल टेलीविजन नेटवर्क रेगुलेशन एक्ट 1995 और केबल टेलीविजन नेटवर्क रूल 1994 के तहत एडवरटाइजिंग कोड तय किए गए हैं। इनका उल्लंघन करने पर केंद्र सरकार कानून के मुताबिक कार्रवाई करती है और इन्हीं कानूनों के उल्लंघन पर उक्त 13 कंपनियों पर सख्ती दिखाई गई है।

Advertisement