अच्छी खबर, हार्ट के किसी भी रोग के लिए नहीं भागना पड़ेगा दिल्ली, रोहतक पीजीआई में बनेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस हार्ट

रोहतक पीजीआई का फाइल फोटो

रोहतक। हरियाणा की जनता के लिए सेहत की दृष्टि से अच्छी खबर है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो हरियाणा में जल्दी ही विभिन्न रोगों के एक्सीलेंस सेंटर मरीजों को लाभांवित करेंगे। इसी कड़ी में प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा केंद्र रोहतक पीजीआईएमएस को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस हार्ट बनाया जा रहा है।

सरकार ने इसके लिए संस्थान से उनकी पसंद का विभाग पूछा था। इस पर हृदय रोग विभाग का नाम भेजा गया। यह केंद्र शुरू होने पर प्रदेश के हृदय रोगियों को किसी भी तरह के इलाज के लिए दिल्ली, चंडीगढ़ या जयपुर नहीं जाना होगा।
पीजीआईएमएस हृदय रोगियों के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विश्व पटल पर नई पहचान बनाएगा। इसके लिए इसे नया स्वरूप दिये जाने की तैयारी शुरू हो गई है।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस हार्ट में दिल के मरीजों को हर तरह का इलाज मुहैया कराने के लिए उपकरण, चिकित्सक, स्टाफ व अन्य जरूरी चीजों का खाका तैयार किया जा रहा है। हृदय रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक, कुशल स्टाफ व आधुनिक मशीनों की जरूरतों को इसमें शामिल किया गया है। एक्सीलेंस सेंटर के भवन भी अलग बनाए जाने की तैयारी है। यहां दिल के ऑपरेशन की हर आधुनिक सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

पीजीआई में दिल के मरीजों को इलाज दिया जा रहा है। महीने में औसतन यहां ओपीडी में 4500 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। यही नहीं ऑपरेशन थियेटर के दिन छोटे-बड़े ऑपरेशन मिलाकर करीब 300 मरीजों के ऑपरेशन किए जा रहे हैं। एक्सीलेंस सेंटर बनने के बाद संस्थान हार्ट के सेंटर के रूप में पहचाना जाएगा। यहां विशेष तौर पर दिल के मरीजों का ही इलाज किया जाएगा। इससे मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी।

पीजीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस हार्ट में विकसित करने के बाद भी यहां मौजूदा सभी सुविधाएं जारी रहेंगी। मरीजों को विभिन्न रोगों के चिकित्सा विशेषज्ञ पहले की ही तरह उपचार मुहैया कराएंगे। हृदय रोग के अलावा सभी विभाग पूर्ववत कार्य करते रहेंगे।

सरकार का प्रयास आने वाले दिनों में प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों को भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने का है। इसी सोच के साथ पीजीआई को हृदय रोग का एक्सीलेंस सेंटर बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके बाद दूसरे गंभीर रोगों के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में एक्सीलेंस सेंटर बनाए जाएंगे। इससे मरीजों को दूसरे रोगों का भी बेहतर इलाज मुहैया हो सकेगा।

पीजीआईएमएस निदेशक डॉ. एसएस लोहचब ने कहा कि पीजीआईएमएस को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस हार्ट बनाया जाएगा। इससे यहां हृदय रोगियों को हर तरह के इलाज की सुविधा एक ही छत के नीचे मुहैया होगी। इसके लिए जरूरी चीजों का खाका तैयार किया जा रहा है। सरकार का प्रयास संस्थान को हृदय रोग की सुपर स्पेशियलिटी के रूप में विकसित करने का है। प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी इसी तरह अलग-अलग रोगों के एक्सीलेंस सेंटर तैयार किए जाएंगे।

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